अखबार और लेखन की दुनिया में छोटी-मोटी गलतियां होती रहती हैं, जिसे स्लिप ऑफ पेन कहा जाता है. ये अक्सर सभी से हो जाती है. हमसे तो रोज ही होती है, जिस पर संपादक जी डांटते-फटकारते रहते हैं. बहुत कम पत्रकार होते हैं जो स्लिप ऑफ पेन की गलतियों से बच पाएं होंगे. पर कुछ स्लिप ऑफ पेन खबरों को तो हास्यास्पद बनाते ही हैं, इतिहास भी बदल देते हैं. साथ लिखने वाले के सामान्य ज्ञान की भी जानकारी देते हैं. ऐसा ही एक वाकया घटित हुआ है हिंदुस्तान, मुरादाबाद में. हिंदुस्तान में एक खबर फ्रंट पेज पर प्रकाशित हुई है. जिसे लिखा है सिटी इंचार्ज आशीष त्रिपाठी ने.
त्रिपाठी जी ने लाल बहादुर शास्त्री एवं गांधी जी बीच के संयोग पर खबर तो ठीक ठाक लिखी है. 'कुछ अलग' कॉलम में लिखी गई इस खबर में कुछ अलग करने के लिए उन्हें गांधी जी की जन्म साल ही बदल दिया है. अमूमन किताबों में गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में हुआ बताया जाता है. मैं तब पैदा नहीं हुआ था इसलिए विश्वास के साथ नहीं कह सकता कि ये ही जन्म साल गांधी जी का रहा होगा. पर किताबों पर थोड़ा भरोसा कर सकते हैं इसलिए मैं भी इस पर भरोसा कर लेता हूं.
पर आशीष त्रिपाठी ने सचमुच कुछ अलग कर दिखाया है. उन्हें इन किताबों पर कतई भरोसा नहीं है. उन्होंने गांधी जी के सौ साल बाद पैदा होने की जानकारी दी है. उन्होंने खबर में गांधी जी के जन्म का साल 1969 लिखा है. अगर ये एक बार लिखा होता तो माना जा सकता था कि ये गलती होगी, पर ये दो जगहों पर लिखा गया है, इसलिए मैं भरोसा कर सकता हूं कि उन्होंने काफी खोज के बाद ही गांधी जी के जन्म के साल को लिखा होगा. मैं उनके इस खोज के लिए बधाई भी देना चाहूंगा. आप भी बधाई दें आशीष भाई को इस नई खोज के लिए.