हिन्दी सिनेमा के १०० साल पूरे होने के यादगार अवसर पर हिन्दी फिल्मी गीतों का एक भव्य समारोह आयोजित किया गया। लता दीनानाथ मंगेशकर ग्रामोफ़ोन रिकॉर्ड संग्रहालय (इंदौर) के तत्वाधान में रविंद्र नाट्य मंदिर में ५वीं किताब "हिंदी चित्रपट गीत संगीत कोश : 1981 -1990”, का विमोचन किया गया। इस किताब का संपादन एवं संचयन जगदीश पुरोहित एवं गुलाम कुरैशी और सुमन चौरसिया के अथक प्रयास से किया गया। इस कार्य की सराहना फिल्म जगत की प्रसिद्ध हस्तियों ने की।
कार्यक्रम की प्रस्तुति दीप प्रज्वलन के साथ नृत्यनाटिका कुमारी हिमानी सिसोदिया द्वारा की गयी। इस अवसर पर जाने माने गीतकार योगेश, माया गोविन्द, देवमणि पाण्डेय, श्रीमती मधु चंद्रा, पेंटर राजू चौरसिया, संगीतकार रुबिन, कीर्ति अनुराग, जुगल किशोर, अजय स्वामी, किशोर देसाई, पार्श्व गायिका मधुबाला झवेरी, फ़िल्मी स्तंभकार डॉ. राजन श्रीवास्तव, विश्वनाथ चटर्जी व मानिक प्रेमचंद ने अपने विचार प्रस्तुत किये।
माया गोविन्द ने अपनी पुरानी यादें ताज़ा करते हुए समस्त श्रोता जन को भाव – विभोर कर दिया। आज के इस दौर में चल रहे गीतों से समाज पर पढ़ रहे गलत असर पर उन्होने चिंता जतायी। उन्होंने बीते ज़माने की कंठ कोकिला लता मंगेशकर को अपना पथ प्रदर्शक बताया। दूसरी ओर प्रसिद्ध गीतकार योगेश ने अपने भावपूर्ण संबोधन और अपने प्रसिद्ध पुराने गीतों से सम्बंधित संस्मरण सुनाए। डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने गीतकार योगेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने शैलेन्द्र की शैली की जीवित रखा। संस्था की ओर से समस्त अतिथियों का शाल श्रीफल मोमेंटो देकर सुमन चौरसिया एवं केशव राय ने स्वागत किया। अंत में आभार चौरसिया समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश लाखुलाल चौरसिया द्वारा किया गया। मंच का संचालन युनूस खान ने किया।