अक्सर आश्वासन देकर सामने वाले को बेवकूफ बनाने वाली नोएडा एसएसपी प्रवीण कुमार की चालाकी इस बार नहीं चली. कल एनबीटी के फोटोग्राफर से हुई बदतमीजी के मामले में एसएसपी प्रवीण कुमार ने चालाकी दिखाते हुए शनिवार शाम तक प्रभारी अरुण कुमार सिंह को हटाने का आश्वासन दिया था. उन्हें उम्मीद थी कि मामला ठण्डा हो जाने पर पत्रकार इस बात को भूल जाएंगे तथा अरुण कुमार सिंह सेक्टर 20 के प्रभारी बने रहेंगे.
पर एसएसपी साहब की यह चालाकी इस बार फेल हो गई. शाम तक कोई कार्रवाई ना होने पर नोएडा के पत्रकार एक बार फिर लामबंद हो गए. शाम को दर्जनों की संख्या में पत्रकार एसएसपी आवास पहुंच गए तथा कार्रवाई की मांग करने लगे. पत्रकारों की इतनी बड़ी संख्या देखकर मजबूरी में प्रवीण कुमार को कार्रवाई करनी पड़ी. इसके बाद उन्होंने अरुण कुमार सिंह को लाइन हाजिर करने की बात पत्रकारों से कही.
ग़ौरतलब है कि प्रवीण कुमार मायावती के प्रिय अधिकारियों में से रहे हैं और जहां भी रहे उस जिले में पत्रकारों का उत्पीड़न होता रहा है. चंदौली में पोस्टिंग के दौरान ईटीवी के पत्रकार विजय तिवारी सहित कई मीडियाकर्मियों पर एक समाचार कवरेज के दौरान बसपाइयों ने हमला कर दिया था. उस समय बसपा के खास माने जाने वाले प्रवीण कुमार ने पत्रकारों की तहरीर पर मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि अगर पत्रकारों की तरफ से मामला दर्ज होगा तो वे दूसरे पक्ष की तरफ से भी मुकदमा दर्ज करवाएंगे. इसी दबाव के चलते पत्रकार मुकदमा दर्ज कराने से पीछे हट गए थे.
इसी तरह मुजफ्फरनगर व बाराबंकी में भी उनकी तैनाती के दौरान पत्रकारों का उत्पीड़न होता रहा और कोई भी अखबार मायावती सरकार के कारनामों के खिलाफ लिखने की हिम्मत तक नहीं कर पाता था. लेकिन हैरानी की बात ये है कि निज़ाम बदलने के बाद भी प्रवीण कुमार जुगाड़ बिठाने में भी प्रवीणता हासिल कर ली और प्रदेश के सबसे मलाईदार जिले में अपनी पोस्टिंग पर आंच नहीं आने दी.