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बैंकों के 700 करोड़ का कर्ज महुआ ने डकारा, सेंचुरी समूह की हालत खस्‍ता

: कई बैंक कर्ज पुनर्गठन की तैयारी में : यूबीआई एवं पीएनबी ने अपने कर्ज एनपीए में डाले : अपने कर्मचारियों के लिए बुरा सपना साबित होने वाला महुआ ग्रुप कई बैंकों के लिए बुरा सपना साबित हो रहा है. महुआ ग्रुप की मदर कंपनी सेंचुरी कम्‍युनिकेशन को लोन देना इन बैंकों को भारी पड़ गया है. सेंचुरी को लोन देने वाले आधा दर्जन से ज्‍यादा बैंकों का 450 करोड़ रुपये एनपीए यानी नान परफार्मिंग एसेट्स (गैर निष्‍पादित परिसंपत्ति) में तब्‍दील हो गया है. सेंचुरी कम्‍युनिकेशन ने देश का पहला भोजपुरी समाचार एवं मनोरंजन चैनल लांच किया था.

: कई बैंक कर्ज पुनर्गठन की तैयारी में : यूबीआई एवं पीएनबी ने अपने कर्ज एनपीए में डाले : अपने कर्मचारियों के लिए बुरा सपना साबित होने वाला महुआ ग्रुप कई बैंकों के लिए बुरा सपना साबित हो रहा है. महुआ ग्रुप की मदर कंपनी सेंचुरी कम्‍युनिकेशन को लोन देना इन बैंकों को भारी पड़ गया है. सेंचुरी को लोन देने वाले आधा दर्जन से ज्‍यादा बैंकों का 450 करोड़ रुपये एनपीए यानी नान परफार्मिंग एसेट्स (गैर निष्‍पादित परिसंपत्ति) में तब्‍दील हो गया है. सेंचुरी कम्‍युनिकेशन ने देश का पहला भोजपुरी समाचार एवं मनोरंजन चैनल लांच किया था.

इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक समेत करीब 7 से 8 बैंकों के समूह ने सेंचुरी और इसकी सहायक कंपनियों में करीब 1700 से 1800 करोड़ रुपये लोन के रुप में निवेश किया था. इनमें से बैंकों का करीब 600 से 700 करोड़ रुपये का कर्ज फंस गया है. इन बैंकों ने सेंचुरी के अलावा इस समूह की अन्य कंपनियों- महुआ टीवी और पर्ल मीडिया में भी अपना पैसा लगाया है. इंडियन ओवरसीज जैसे कुछ बैंकों ने कर्ज को एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) में तब्दील होने से बचाने के लिए कर्ज का पुनर्गठन किया है. हालांकि इसके लिए बैंकों को ऊंचे प्रावधान तय करने पड़े हैं.

मानक परिसम्‍मपतियों के लिए बैंकों को पुनर्गठित खातों में 2 फीसदी का प्रावधान रखना पड़ता है, जबकि गैर पुनर्गठन परिसम्‍पत्तियों के मामले में यह प्रावधान 0.4 फीसदी रखना पड़ता है. सेंचुरी कम्‍युनिकेशन ने सभी बैंकों से कहा है कि वे कर्ज का पुनर्गठन करें लेकिन साथ यह भी स्‍पष्‍ट कर दिया है कि वह कुछ बैंकों का ब्‍याज भुगतान करने में असमर्थ है. बताया जा रहा है कि इसी कारण यूनियन बैंक आफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक ने सेंचुरी कम्‍युनिकेशन को दिए गए लोन की रकम को एनपीए (गैर निष्‍पादित परिसंपत्ति) में डाल दिया है. कर्ज को एनपीए में बदलने के लिए बैंकों को पहले साल 15 से 20 प्रतिशत का प्रावधान करना पड़ेगा. बैंक कर्ज पुनर्गठन सेल (सीडीआर) से भी संपर्क करने की योजना बना रहे हैं. 

पीके तिवारी के स्‍वामित्‍व वाली सेंचुरी कम्‍युनिकेशन न्‍यूज चैनल एवं मीडिया इंटरटेनमेंट के अलावा पोस्‍ट प्रोडक्‍शन, प्रसारण एवं मीडिया खरीद कारोबार को भी संचालित करती है. कंपनी के पिक्‍सॉन प्रोडक्‍शन में डिज्‍नी जैसे स्‍टूडियो के लिए काम किया जाता है. 2008 में तिवारी ने लंदन के दो स्‍टूडियो मॉलिलेयर और मैन फ्राम मार्स का अधिग्रहण किया था. इस सौदे में भी काफी गड़बड़ी की चर्चाएं हुई थीं. सेंचुरी कम्‍युनिकेशन के चेयरमैन और प्रबंधन निदेशक तिवारी ने अपने बेटे के साथ मिलकर पर्ल मीडिया का गठन किया, जो सन नेटवर्क के सभी चैनलों के लिए विज्ञापन स्‍लाट यानी एयरटाइम की बि‍क्री करती है.

तिवारी मीडिया में आने से पहले फिल्‍मों के प्रोडक्‍शन में भी अपना हाथ आजमा चुके हैं. उन्‍होंने न्‍यू दिल्‍ली टाइम्‍स नाम से एक फिल्‍म भी बनाई है, जिसमें शशिकपूर और शर्मिला टैगोर मुख्‍य भ‍ूमिका में थीं. यह फिल्‍म 1986 में रिलीज हुई थी. सेंचुरी कम्‍युनिकेशन ने 2008 में दो भोजपुरी चैनल महुआ एवं महुआ न्‍यूज की शुरुआत की थी. इसके पहले इस ग्रुप ने धार्मिक चैनल प्रज्ञा भी लांच किया है. बाद में महुआ बांग्‍ला और महुआ खबोर नाम से बांग्‍ला चैनल भी लांच किया, पर आर्थिक दिक्‍कतों के चलते महुआ बांग्‍ला का प्रसारण बंद कर दिया गया. हालांकि यूपी-उत्‍तराखंड को ध्‍यान में रखते हुए ग्रुप ने महुआ न्‍यूजलाइन नाम का एक नया चैनल लांच किया है. 

पीके तिवारी की यह कंपनी कई बार विवादों में आ चुकी है. लेनदेन में गड़बड़ी को लेकर इस चैनल पर सीबीआई, ईडी और आईटी के छापे भी पड़ चुके हैं. कर्मचारियों को भी बिना बाहर किए जाने के आरोप समय-समय पर इस ग्रुप पर लगते रहे हैं. अब बैंकों का निवेश फंस जाने के बाद एक बार फिर सेंचुरी कम्‍युनिकेशन एवं इस ग्रुप की कंपनियां विवादों में आ गई हैं. कंपनी की फिलहाल जिस तरह की माली हालत है, उसको देखते हुए कम ही आशा है कि लोन का पुनर्गठन होने के बाद भी उनके पैसे वापस मिल पाएंगे.

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