टीवी पर बार-बार और लंबे विज्ञापनों से परेशान दर्शकों को अक्टूबर तक कुछ राहत मिल सकती है. प्रसारण नियामक भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई ने अब स्पष्ट कर दिया है कि विज्ञापन दिखाने के लिए और प्रमोशनल क्लिप के लिए प्रति घंटे 12 मिनट की समय सीमा रहेगी. नियमों के लागू किए जाने से दर्शकों के लिए टीवी देखना और अधिक सुखद रहेगा.
वहीं प्रसारणकर्ता, मीडिया प्लानर और विज्ञापनदाता उन बदलावों पर गौर कर रहे हैं जो नये नियम से आए हैं. इसे शुरू में स्वीकार करने को अनिच्छुक प्रसारणकर्ता अब 12 मिनट की अवधि को चरणबद्ध तरीके से लागू किए जाने के लिए सहमत हो गए हैं.
इंडियन ब्रॉडकॉस्टिंग फेडरेशन के महासचिव शैलेश शाह ने कहा कि ऐसे में जब कानून (एडवरटाइजिंग कोड ऑफ द केबल टेलीविजन एक्ट) आठ साल से मौजूद है, यह कभी नहीं लागू हो पाया क्योंकि सरकार को संभवत: लगता है कि इस तरह के कानून को लागू किए जाने से पहले इस नये उद्योग को अपनी जड़े जमाने की जरूरत है. शाह ने इस मुद्दे पर पूछे जाने पर कहा कि प्राधिकरण को संभवत: ऐसा लगता है कि इस उद्योग ने अपनी जड़े जमा ली हैं और अब वक्त कानून लागू करने का है.