सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 2जी स्पेक्ट्रम जांच में कथित रूप से हस्तक्षेप करने के आरोप में सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय के अलावा दो पत्रकार उपेंद्र राय और सुबोध जैन के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के लिए नोटिस जारी किया है। निवेशकों को धन लौटाने के मामले में अदालत की नाराजगी झेल रहे सुब्रत राय के लिये यह नई परेशानी है। इसके साथ ही सहारा समूह की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।
करोड़ों रुपए के 2जी मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के जांच अधिकारी राजेश्वर सिंह की अवमानना याचिका पर अदालत ने राय को नोटिस जारी करते हुये कहा कि यह याचिका विचार योग्य है। सर्वोच्च अदालत निवेशकों का धन लौटाने के शीर्ष अदालत के न्यायिक आदेशों पर अमल नहीं करने के कारण पहले ही सुब्रत राय के विदेश जाने पर रोक लगा चुका है। जस्टिस जीएस सिंघवी और जस्टिस केएस राधाकृष्णन की पीठ ने जांच अधिकारी को कथित रूप से धमकी देने और ब्लैकमेल करने वाले सहारा समूह के दो पत्रकारों उपेन्द्र राय और सुबोध जैन को भी नोटिस जारी किए हैं।
पीठ ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजेश्वर सिंह के आरोप बहुत ही गंभीर हैं। साथ ही अदालत ने राय और उनके कर्मचारियों की इस दलील को अस्वीकार कर दिया कि अवमानना याचिका विचार योग्य नहीं है। क्योंकि यह अटार्नी जनरल की मंजूरी के बगैर दाखिल की गयी है। पीठ ने कहा कि संविधान के तहत सुप्रीम कोर्ट स्वतंत्र है इसके अधिकार को अवमानना कानून के तहत सीमित नहीं किया जा सकता।
अदालत ने सहारा इंडिया न्यूज नेटवर्क और उसकी सहयोगी कपंनियों को सिंह को सुबोध जैन की ओर से भेजे गये 25 सवालों से संबंधित कोई भी कार्यक्रम प्रकाशित या प्रसारित करने पर रोक लगा दी थी। सुबोध जैन ने सिंह को 25 सवाल भेजकर उनसे जवाब मांगा था जो निहायत ही निजी प्रकृति के थे। इसके अलावा सहारा समूह के अखबार तथा चैनलों में भी राजेश्वर सिंह के खिलाफ कई खबरें प्रकाशित और प्रकाशित की गई थीं।