एबीपी न्यूज़ के प्रोमो में करीब एक पखवाड़े से छाई गुमशुदा गौरी भोसले की कहानी एक तरफ जहां यूपी पुलिस के लिए किरकिरी बना वहीं मीडिया भी अपनी सीमाएं भूलने में पीछे नहीं रहा। एक तरफ जहां एबीपी न्यूज़ मामले से पल्ला झाड़ने में जुटा है वहीं दूसरी तरफ खुद को राष्ट्रीय बताने वाले कुछ अखबार भी एक बलात्कार पीड़ित महिला की तस्वीर और पहचान छापने से परहेज़ नहीं कर रहे।
सहारनपुर के बहुचर्चित 'फर्ज़ी गौरी' कांड में पुलिस ने जहां अपनी गलती मान ली है वहीं मीडिया गलतियों पर गलतियां दोहराए जा रहा है।
दैनिक भास्कर ने तो बाक़ायदा युवती की तस्वीर और पहचान छापते हुए यूपी पुलिस की गलतियों का बखान किया है, लेकिन खुद अपने पोर्टल पर युवती की तस्वीर और पहचान जाहिर कर दिया है। मीडिया के कोड ऑफ कंडक्ट के मुताबिक बलात्कार की शिकार महिला का न सिर्फ नाम और पहचान बदलना जरूरी है बल्कि इस बात का खास खयाल रखा जाना चाहिए कि उसकी या उसके परिजनों की तस्वीर या उनसे संबंधित जानकारी न छापी जाए।
ग़ौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पुलिस ने जहां एक 'फर्जी' गौरी को बरामद कर खुद ही अपनी किरकिरी करवा ली वहीं चैनल के सूत्रों से पता चला है कि गौरी भोसले वास्तव में कोई युवती न होकर स्टार प्लस पर जल्दी ही आने वाले एक सीरीयल की किरदार है। एबीपी न्यूज पर लंदन की 21 वर्षीया गौरी भोंसले को लापता दिखाया जा रहा था जो वास्तव में सीरीयल का नए अंदाज़ का विज्ञापन है। गौरी के मिलने पर एक टोल फ्री नंबर पर सूचना देने की बात भी प्रसारित की जा रही थी।