तीसरी मीटिंग : न्यूज की सारी बातें हो चुकी थीं मध्यप्रदेश के एक साथी ने बताया कि कैलाश विजयवर्गीज के खिलाफ…. तभी भांड़ बोल पड़ा- किसने रोका उनके खिलाफ खबर चलाने से- मामला जादा बडा हो तो स्टिंग भी करवालो…
विजय सिंह बोले- लोग क्या कहेगा, अपने ही पार्टनर के खिलाफ स्टिंग करवा रहे हैं चांपना न्यूज वाले, और फिर कैलाश जी को पता चलेगा तो छोड़ देंगे आपको…
भांड़ बोला-ट्ट्ट्टट्ट विजय सिंह जी, इससे हमारी क्रिडेबिलिटी लोगों के दिल में और ज्यादा बढ़ेगी…सब कहेंगे कि जब ये साले अपने ही लोगों के खिलाफ प्रोग्राम चला सकते हैं तो फिर बाकी लोगों का क्या हाल कर सकते हैं।
बहरहाल एमपी से यूपी और फिर यूपी से बिहार होते हुए मीटिंग अपने अवसान की ओर थी, लेकिन बाकी था तो अभी भांड का प्रवचन। भांड के प्रवचन सुनते वक्त ऐसा लगता है कि उसने पैसा कमाओ पत्रकारिता पर व्यापक शोध कर रखा है। पैसा और पत्रकारिता के बीच ‘प्यारी’ को कैसे इस्तेमाल किया जाना चाहिए, इस विषय पर भी उसे महारत हासिल है। इस विशेष विशेषता को भाँड अपने कृपा पात्र चिरकुटों और लौंडा मालिक मयंक के सामने एक खास तरीके से बयान करता है। भाँड की इस विशेष विशेषता का विवरण आगे दिया जाएगा। फिल्हाल तीसरी मीटिंग के पटाक्षेप से पहले भाँड ने अपनी डायरी खोली, आदतन बांये हाथ से चेहरे के दायें हिस्से को नीचे खींच कर सीधा करने की कोशिश करते हुए दाढ़ी-चोटी शर्मा से पूछा- आपने मोबाइल हॉस्पीटल वाली स्टोरी़ज़ आ गई उत्तराखण्ड से…
दाढ़ी चोटी शर्मा ने थोड़ा से अनइजी लहजे में दिया- सर, वो संदीप गया था सुरेंद्र सिंह नेगी से मिला था, उनका टिक-टैक भी लाया है। देहरादून में मोबाइल हॉस्पीटल नहीं है सर। वो रूरल एरिया में चल रहे हैं, स्ट्रिंगरों को बोल दिया है एक दो दिन में स्टोरी भेजने के लिए बोल रहे हैं…
भांड़- आपने पिछले हफ्ते कहा था सोमवार को स्टोरी फाइल हो जाएगी, कब चलाओगे स्टोरी, तब जब वो सारे फण्ड्स का यूटिलायजेशन शो कर देंगे। हमारे पास मोबाइल हॉस्पीटल और मेडिकल वैन्स रन करने की एक्सपर्टीज है, और हम यहां बैठकर कद्दी छील रहे हैं…मजबूर करो उन्हें हमसे बैठ कर कम्प्रोमाइज करने के लिए…बोलो- देहरादून के ब्यूरो चीफ से स्टोरी भेजें, स्टिंग भेजें… नहीं भेज सकते हैं तो कहीं और जा करें चित्रकारिता…और आप भी सुन लीजिए शर्मा जी, साधना न्यूज की स्क्रीन पर सुलेख कम्पटीशन नहीं करवाने की जिम्मेदारी नहीं दी गई है आपको, पाण्डेय जी को समझा दो और आप भी समझ लो अच्छी तरह से जीटीएम के नाइंटी थाउज़ेंड से चैनल की लीज नहीं हो गई है आप लोगों के नाम…यार, अंजू…जरा तुम आज बात करो निशंक से, जो भी रेसपॉंस मिले मुझे फोन पर बताना…. फिर मुकेश की ओर मुखातिब होकर, तुम्हारा क्या चल रहा है हीरो…सब्ब आपका आशीर्वाद सर्ररर…
….जारी….
चैनल का नाम और चैनल के चरित्रों का नाम बदल दिया गया है. घटनाक्रम पूरी तरह सही है.
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