पटना में छठपूजा के दौरान हुए भीषण हादसे के बाद से जहां एक तरफ फेसबुक और ट्विटर पर बिहार सरकार की निंदा करने वाले स्टेटस अपडेट और पोस्टों की बाढ़ आ गयी है वहीं 'मीडिया सैवी' नीतीश कुमार का फेसबुक पेज खामोश पड़ा है।
सोमवार शाम लगभग 5 बजे नीतीश कुमार के पेज पर छठपूजा के लिए सजे सूपों की तस्वीर के साथ एक संदेश ('संझिया अरग' के वक्त मुख्यमंत्री गंगा घाट पहुंच कर छठव्रतियों से आशीर्वाद लेंगे… आस्था के महापर्व छठ की शुभकामनाएँ…..) आया था। इस संदेश को मुख्यमंत्री जी के मॉडरेटरों और प्रशंसकों ने 318 जगह शेयर किया था और 2100 से भी ज्यादा लोगों ने पसंद किया है। कमेंट में अधिकतर शुभकामना संदेश हैं और इक्का-दुक्का निंदा वाली टिप्पणियां भी, लेकिन इसके बाद से इस पेज पर सन्नाटा पसरा हुआ है। न कोई आधिकारिक अपडेट, न कमेंट।
नीतीश कुमार का ये फैन पेज फेसबुक पर खासा लोकप्रिय है। इसे लाइक करने वालों की तादाद साढ़े तैंतीस हज़ार से भी ज्यादा है। पेज पर नीतीश कुमार के बारे में लिखा है कि उनमें प्रधानमंत्री बनने की क्षमता पूरी है। पेज के मुताबिक, " एक बार फिर लोग ये कहने लगे हैं कि नीतीश में प्रधानमंत्री वाला मेटेरियल और मेटल मौजूद है। शासन का एक अपना मॉडल खड़ा कर दिया है नीतीश ने। इधर नीतीश बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ते हैं और उधर दिल्ली में कांग्रेस के अधिवेशन में सोनिया और मनमोहन सिंह उसी नीतीश मॉडल को फॉलो करते नजर आते हैं।"
इस पेज पर उनकी छवि नरेंद्र मोदी से अलग बताने की कोशिश की गयी है। पेज पर लिखा है "बिहार के ऱणभूमि पर उन्होंने अभी-अभी बड़े-बड़े सूरमाओं को पछाड़ा है । मनमोहन, सोनिया, राहुल, लालू, पासवान सब उनके सामने धराशाई हुए हैं। नरेन्द्र मोदी बिहार आना चाहते थे , वह भी पीएम के कैन्डिडेट हैं , पार्टी उनकी अखिल भारतीय छवि के बारे में चितिंत रहती है, लेकिन नीतीश को नहीं मंजूर था तो नरेन्द्र मोदी बिहार नहीं आ सके ये नीतीश की ताकत है।"
बहरहाल, कुछ लोगों ने पेज पर पोस्ट भी डाले हैं जिनमें हादसे का ज़िक्र है। हालांकि ईमानदारी की तारीफ़ करने वाली बात ये है कि इन निंदा वाले कमेंट्स और पोस्ट्स को भी डिलीट नहीं किया गया है, लेकिन पेज की सेटिंग कुछ इस तरह की है कि उन्हें प्रमुखता से नहीं पढ़ा जा सकता।