उच्चतम न्यायालय ने पत्रिका को प्रताड़ित किए जाने के मामले में दायर रिट याचिका पर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। पत्रिका ने छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की पत्रिका के विरूद्ध जारी दमनकारी नीति के विरूद्ध उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका दायर की थी। रिट याचिका मुख्यमंत्री रमन सिंह, राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, आयुक्त सूचना एवं जनसम्पर्क तथा प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया के विरूद्ध दायर की गई थी।
याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान न्यायाधीश अल्तमस कबीर एंव न्यायाधीश जे.चेलामेश्वर की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए। याचिका पर सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा कि राज्य सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कार्रवाई कर रही है।
रिट याचिका में बताया गया कि पत्रिका ने भ्रष्टाचार और घोटालों के दर्जनों मामले उजागर किए। पत्रिका की निर्भीक एवं निष्पक्ष पत्रकारिता से नाराज होकर सरकार ने सरकारी विज्ञापन बंद कर दिए। विधानसभा में कवरेज के लिए जाने वाले रिपोर्टरों के पास तक बंद करवा दिए गए। जिस किराए के भवन में पत्रिका का दफ्तर है, उसके मकान मालिक को मकान तोड़ने का नोटिस दिलवा दिया।
इतना ही नहीं, पत्रिका कर्मियों के रिश्तेदारों के तबादले तथा बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई करके उत्पीड़ित किया जा रहा है। पत्रिका के कर्मचारियों के विरूद्ध फर्जी मुकदमे दर्ज करा दिए। याचिका में कहा गया है कि सरकार की दमनकारी नीतियां बोलने और अभिव्यक्त करने तथा जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का खुला उल्लंघन है। इस पर बहस सुनने के दौरान खंडपीठ के न्यायाधीशों ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए।