प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी और समाचार एजेंसी पीटीआई की तकरार में मंत्री महोदय का पलड़ा हल्का होता दिख रहा है। पिछले एक-दो दिनों तक चले आरोप-प्रत्यारोप के बाद आख़िरकार समाचार एजेंसी पीटीआई ने उनके झूठ पर से पर्दा उठा ही दिया। एजेंसी ने अपने संवाददाता के साथ मंत्री की हुई बातचीत का वह टेप जारी कर दिया है जिसमें नारायणसामी कहते हुए पाए गए हैं कि सरकार सीएजी को बहुसदस्यीय बनाने के प्रस्ताव पर सक्रियता से विचार कर रही है।
ग़ौरतलब है कि दो दिनों पहले पीटीआई ने एक ख़बर में कहा था कि केंद्रीय मंत्री वी. नारायणसामी ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को बहुसदस्यीय बनाने की बात कही थी। इसके बाद से नारायणसामी और सरकार की आलोचना शुरू हो गई थी और इसके परिणामस्वरूप मंत्री महोदय अपने बयान से पलट गए थे। उसके बाद पीटीआई ने बातचीत का ऑडियो टेप जारी किया, जिसमें नारायणसामी का झूठ सामने आ गया।
कैग को बहुसदस्यीय संस्था बनाए जाने के अपने पहले के बयान से सरकार रविवार शाम को पलट गई। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने एक साक्षात्कार में समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया था कि कैग को बहु सदस्यीय निकाय में तब्दील किए जाने पर सरकार विचार कर रही है।
पीटीआई से साक्षात्कार के दौरान नारायणसामी से पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वीके शुंगलू की इस सिफारिश के बारे में पूछा गया था कि कैग को बहु सदसयीय निकाय बनाया जाना चाहिए। मंत्री ने जवाब में कहा था, ‘‘इस (कैग को बहु सदस्यीय निकाय बनाए जाने की शुंगलू समिति की सिफारिश) पर सक्रियता से विचार चल रहा है। सरकार इस पर सक्रियता से विचार कर रही है।’’
मंत्री बाद में अपने बयान से पलटते दिखाई दिए और टेलीविजन चैनलों से कहा कि उनके बयान को ‘तोड़ मरोड़ कर’ पेश किया गया है। जबकि समाचार एजेंसी का कहना है कि वह अपनी खबर पर कायम है। नारायणसामी ने चैनलों से कहा था कि उन्होंने पीटीआई के संवाददाता से शुंगलू समिति की छह रिपोर्ट सरकार के विचाराधीन होने के बारे में कहा था, लेकिन अब टेप में उनकी सच्चाई सामने आ गई।