मुंबई। प्रतिभूति एवं अपीलीय पंचाट (सैट) ने बाजार विनियामक सेबी की ओर से जारी कुर्की के आदेश खिलाफ सुब्रत राय की अपील पर सुनवाई के लिए 11 मार्च की तारीख तय की। सहारा समूह अपनी दो कंपनियों के बॉन्ड निर्गमों का पैसा निवेशकों को वापस किए जाने के मामले में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ कानूनी लड़ाई में उलझा है। सैट ने आज सहारा समूह की अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार की और 11 मार्च की तारीख मुकर्रर की है।
सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय ने सेबी के निर्देश के खिलाफ पंचाट में अपील की है। गौरतलब है सेबी ने समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉर्प लिमिटेड और सहारा हाउज़िंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प लिमिटेड के कुछ और बड़े अधिकारियों के साथ साथ सुब्रत राय की व्यक्तिगत संपत्तियों को भी कुर्क किए जाने के आदेश दे रखे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी सहारा समूह से निवेशकों को कुल 24,000 करोड़ रुपए वापस करने को कहा है।
कोर्ट द्वारा इसके लिए तय समयसीमा पार होने के बाद सेबी ने पिछले महीने कहा कि कंपनियों ने आदेश का पालन नहीं किया है। साथ ही बाजार नियामक ने दोनों कंपनियों और राय तथा समूह के कुछ अन्य उच्चाधिकारियों के बैंक खाते और बाकी प्रॉपर्टी कुर्क करने का आदेश जारी किया। सेबी ने एक सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया, जिसमें आम जनता और निवेशकों को सहारा की इन दो समूहों और उनके शीर्ष अधिकारियों की प्रॉपर्टी जब्त करने के आदेश के मद्देनजर उनके साथ लेन-देन का व्यवहार करने प्रति आगाह किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को इस मामले में अपना पहला आदेश जारी किया था और सेबी को निवेशकों को धन वापस कराने में मदद करने का निर्देश दिया था। दिसंबर 2012 में समूह को तीन किस्तों में धन वापस करने के लिए कहा गया था। पहली 5,120 करोड़ रुपए की किस्त तुरंत अदा करने का निर्देश दिया गया था जिसके पास जनवरी के पहले सप्ताह और फरवरी के पहले सप्ताह में 10,000-10,000 करोड़ रुपए की किस्त अदा करने के लिए कहा गया था।
सहारा ने सेबी को 5,120 करोड़ रुपए का भुगतान किया और दावा किया कि यह राशि अपने आप में ही दोनों कंपनियों की देनदारी से अधिक है। सेबी ने अपने जब्ती आदेश में कहा कि कंपनी ने शेष दोनों किस्त अदा नहीं की है इसलिए वह हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक आवश्यक कदम उठा रही है। (भाषा)