ग्यारह साल का विकास आखिरकार अपनी मां के पास सही सलामत पहुंच गया.. जौनपुर से विकास अपनी मां की तलाश में अकेले ही मुंबई के कुर्ला टर्मिनस पहुंच गया था.. लेकिन मुंबई की भीड़ को देखकर घबरा गया और मां का अता पता ना होने की वजह से कुर्ला स्टेशन के बाहर खड़ा होकर रो रहा था.. तभी इस पर एक समाज सेवी सुरेश मंडल की नज़र गई और विकास को लेकर वो जुहू अपने घर पहुंचे और विकास को अपने पास रखा.. सुरेश ने विकास की मां को बहुत खोजा लेकिन जब मां का पता नहीं चला तो टीवी9 से संपर्क किया…
टीवी9 ने फौरन विकास की दर्दभरी दास्तान को दिखाया.. टीवी9 के रिपोर्टर ब्रिजभान और अश्विनी शर्मा ने मिलकर विकास की मां को खोजने की कोशिश शुरू की.. अश्विनी ने जौनपुर के एसपी को फोन किया जिसके बाद विकास के मुंबई में रहने वाले एक रिश्तेदार ने अश्विनी से संपर्क किया और वो भी विकास की मां को खोजने की कोशिश में हमारे साथ जुट गया.. और आखिर वही हुआ जिसकी हमने उम्मीद लगा रखी थी.. विकास की मां काफी खोजबीन के बाद मुंबई में कांदिवली के दामू नगर की पहाड़ियों पर एक रिश्तेदार के घर से मिली..
मां से मिलने के बाद खुशी तो हुई लेकिन वो खुशी ज्यादा लंबी ना रही.. विकास की मां तकदीर की मारी महिला निकली.. पति ऑटो रिक्शा चलाते थे लेकिन सालों पहले मुंबई में सड़क हादसे के शिकार हो गए.. ये अपने पति के ऑटो के परमिट के सिलसिले में मुंबई में है लेकिन एक दुखियारी का भला आज कौन सुनता है.. जौनपुर के मड़ियाहू तहसील के गुतवन गांव की रहने वाली इस दुखयारी के पास कुछ नहीं है.. आज कलेजे का टुकड़ा ज़रूर मिल गया है लेकिन कई सवाल इसके सामने है अपने विकास को ये कैसे पाल पोसकर बड़ा करेगी…