बनारस में कई अखबारों के मैनेजमेंट में हड़कम्प मचा हुआ है. अब तक लेबरकोर्ट के टालमटोल रवैये के चलते कई मुद्दों पर बच जाने वाला अखबारों का मैनेजमेंट अब परेशान हैं. खबर है कि शुक्रवार को डिप्टी लेबर कमिश्नर के सामने मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान, राष्ट्रीय सहारा और आज अखबार के एचआरडी के लोगों की पेशी थी. अभी लेबर कोर्ट में कई जागरण समेत कई अखबारों में अंतरिम का मामला चल ही रहा है. परन्तु अब मजीठिया वेज बोर्ड के मामले में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव की चिट्ठी के बाद से बनारस का लेबर कोर्ट हरकत में आ गया है.
शुक्रवार को डिप्टी लेबर कमिश्नर एके राय ने केंद्रीय सचिव डा. मृत्युंजय सारंगी के पत्र का हवाला देते हुए 20 मार्च तक बनारस के इन बड़े अखबारों के प्रबंधन से मजीठिया वेज बोर्ड लागू करने संबंधी रिपोर्ट जमा करने को कहा है. इसके लिए लेबर कोर्ट ने बाकायदा सभी अखबार प्रबंधन को एक प्रोफार्मा भी सौंपा है. इसी प्रोफार्मा पर अखबार प्रबंधन को सारी जानकारी उपलब्ध करानी है. सारंगी का यह पत्र प्रदेश के अपर श्रमायुक्त कानपुर को भेजा गया है और पर श्रमायुक्त ने सभी क्षेत्रीय श्रम आयुक्तों को इसकी प्रति भेजकर मार्च के आखिर तक अखबारों में मजीठिया वेज बोर्ड लागू करने संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान पांचों अखबारों से जुड़े वरिष्ठ लोग उपस्थित हुए तो दूसरी तरफ काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष योगेश गुप्ता पप्पू और कर्मचारी यूनियन के महासचिव अजय मुखर्जी दादा उपस्थित हुए. उल्लेखनीय है कि मजीठिया वेज बोर्ड के मामले को लेकर बीते साल नवम्बर में योगेश गुप्ता पप्पू एवं अजय मुखर्जी दादा ने लेबर कमिश्नर से शिकायत की थी. अब इस मामले में 22 मार्च को पेशी होगी. अब यह देखना होगा कि कितने अखबार डिप्टी लेबर कमिश्नर के आदेश को गंभीरता से लेते हुए 20 मार्च तक सारा डिटेल जमा कराते हैं.
इसके पहले जागरण डिप्टी लेबर कमिश्नर के आदेशों को जबरिया साइन करने तथा अंतरिम लागू करने संबंधी मामले में ठेंगा दिखा चुका है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इन अखबारों का प्रबंधन 20 तक किस तरीके से अपना डाटा उपलब्ध कराता है क्योंकि जो जानकारी है उसके अनुसार किसी भी अखबार ने अपने यहां मजीठिया बोर्ड की सिफारिश अब तक लागू नहीं की है. अब जवाब क्या देखते हैं यह तो 22 मार्च के बाद ही पता चल पाएगा.
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