लंदन स्थित बीबीसी के मुख्यालय बुश हाउस में हड़ताल चल रही हैं. बीबीसी के पत्रकार छंटनी के विरोध में 24 घंटे की हड़ताल पर चले गए हैं. पत्रकारों की संस्था नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के सदस्यों ने बीते माह अनिवार्य छंटनी के खिलाफ हड़ताल का फैसला लिया था. यूनियन ने बीबीसी मैनेजमेंट को चेतावनी दी है कि हड़ताल से रेडिया-टीवी के कार्यक्रम बाधित हो सकते हैं. बीबीसी ने कहा है कि पत्रकारों के इस हड़ताल से उन्हें निराशा हुई है.
यूनियन ने कहा है कि वर्ल्ड सर्विस और बीबीसी मॉनिटरिंग में काम कर रहे कई लोगों की नौकरियों पर खतरा है. पत्रकारों की नौकरियां जा रही हैं जबकि प्रबंधन स्तर पर नई नौकरियां हैं तथा कई लोगों को बचाया जा रहा है. यूनियन की महासचिव मिशेल स्टेनस्ट्रीट ने कहा कि यूनियन ने इस संकट से निपटने के लिए कई समाधान सुझाए थे, परन्तु प्रबंधन ने किसी पर ध्यान नहीं दिया. मजबूरन इस अनिवार्य छंटनी के विरोध में हमें हड़ताल का रास्ता अख्तियार करना पड़ा.
उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग हैं जो बीबीसी छोड़ना चाहते हैं. और ये सब कुछ आपसी बातचीत से सुलझाया जा सकता था. हालांकि इस संदर्भ में बीबीसी प्रबंधन का कहना है कि वो अनिवार्य छंटनी की सूची को कम से कम करने की पूरी कोशिश कर रहा है. बीबीसी की ओर से कहा गया है कि हड़ताल करने से परिस्थितियों पर कोई बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आएगा. सारी परेशानी सरकार के वर्ल्ड सर्विस को दिए जाने वाले सहायता राशि में भारी कटौती के बाद उत्पन्न हुई है, इसलिए अनिवार्य छंटनी करने की मजबूरी उत्पन्न हुई है.
Comments on “बीबीसी के पत्रकार 24 घंटे की हड़ताल पर”
बीबीसी पिछले कुछ समय से अपने कार्यक्रमों से कम और अपने वित्तीय और अन्य झंझटो से ज्यादा सुर्खियाँ बटोर रही है. सर पीटर हारेक्स के जाने के बाद और बीबीसी के नए अध्यक्ष के रूप में सर लियान पेटन के आने के बाद कुछ उम्मीदें जगी थी. साथ ही २७ लाख पौंड की राशि भी ब्रिटिश सरकार से मिली थी. जिससे कुछ उम्मीद जगी थी. परन्तु अब कर्मचारियों की शिकायत और पेमेंट ना मिलने की समस्या भी बीबीसी में हावी हो रही है. जो अच्छी बात नहीं कही जा सकती है. उम्मीद जल्द ही सारे विवाद आंतरिक बैठक में सुलझा लिए जाएँ. सब कुछ सामान्य हो जाए.
बीबीसी पिछले कुछ समय से अपने कार्यक्रमों से कम और अपने वित्तीय और अन्य झंझटो से ज्यादा सुर्खियाँ बटोर रही है. सर पीटर हारेक्स के जाने के बाद और बीबीसी के नए अध्यक्ष के रूप में सर लियान पेटन के आने के बाद कुछ उम्मीदें जगी थी. साथ ही २७ लाख पौंड की राशि भी ब्रिटिश सरकार से मिली थी. जिससे कुछ उम्मीद जगी थी. परन्तु अब कर्मचारियों की शिकायत और पेमेंट ना मिलने की समस्या भी बीबीसी में हावी हो रही है. जो अच्छी बात नहीं कही जा सकती है. उम्मीद जल्द ही सारे विवाद आंतरिक बैठक में सुलझा लिए जाएँ. सब कुछ सामान्य हो जाए.