एक व्यवसायी प्रवीण गुप्ता द्वारा चलाए जा रहे गंगापुत्रा टाइम्स अखबार के एक कर्मचारी ने मालिक से विवाद होने पर समाचार पत्र की असली प्रसार संख्या को ई-मेल द्वारा पूरे हरियाणा, चण्डीगढ़ व दिल्ली के पत्रकारों, एड एजेन्सियों तथा सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को भेज दिया। घटना 8 सितम्बर 2011 की है। इसके बाद से हड़कम्प मचा हुआ है।
बताया जा रहा है कि जीन्द के एक व्यवसायी प्रवीण गुप्ता ने गंगापुत्रा टाइम्स नाम से समाचार पत्र निकाला तथा अशोक छाबड़ा नामक एक युवक के साथ मिलकर डीएवीपी, दिल्ली के अधिकारियों को तरह-तरह से पटाकर 70000 से भी ज्यादा कापियों की प्रसार संख्या दिखाकर अखबार की मान्यता ले ली। इस मान्यता को दिखाकर प्रवीण गुप्ता ने सरकार के अधिकारियों पर रौब झाड़ना शुरू कर दिया तथा हरियाणा के लोक सम्पर्क विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को पटाकर भारी भरकम विज्ञापन लेने शुरू कर दिए। इस लूट में प्रवीण गुप्ता ने अपने भाइयों को भी शामिल कर लिया।
बताया जा रहा है कि अखबार में काम करने वाले अशोक छाबड़ा की मालिक से किसी बात पर विवाद हो गया। अशोक छाबड़ा ने 8 सितम्बर 2011 की रात को अखबार की ई-मेल आई डी से अखबार की 70000 से भी ज्यादा प्रसार संख्या को झूठा साबित कर असली प्रसार संख्या को ई-मेल पर डाल दिया, जो कि वास्तव में नोएडा में स्थित विभा प्रेस को रोजाना भेजी जाती है। इस प्रसार संख्या में मात्र 2400 कापियों को आर्डर प्रेस को दिया गया दिखाया है। इसके साथ-साथ हरियाणा की मात्र कुछ एजेन्सियों के लेबल भी डाले गए हैं, जो वास्तविक प्रसार संख्या को तथा मालिकों द्वारा हरियाणा, चण्डीगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड में अखबार के प्रसार के किए गए दावों को झुठलाता है।
Comments on “अखबार मालिक से नहीं पटी तो असली प्रसार संख्या का कर दिया खुलासा”
हकिकत क्या है ये तो सबको पता है। ये किसी से नहीं छुपता है पर ये बात कुछ हजम नही हो रही है कि सिर्फ 2400 कापीयां इसमे जरूर कुछ दाल में काला है। आज अखबार इतने हो गये है कि सबको विज्ञापन नहीं मिल पाता है और करे भी क्या रिर्पोटरों को कुछ ना दे तो आँफिस में काम करने वालो को तो कुछ मिलना चाहिए।
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maja aa gaya. aisa he hona chahiye en kamino ke sath
सर में इस खबर से सहमत नहीं हूँ क्योंकि सभी यही कर रहे हैं गंगा पुत्र ने कोई बुरा कम नहीं किया हैं . फ़रीदाबाद से एक अखबार निकलता हैं जिसका नाम है हिंदुस्तान एक्सप्रेस और उसने भी साठ हजार का प्रसार दिखा रखा हैं और जबकि कॉपी केवल मात्र 600 ही कप रहाई हैं। आगरा का हिंदुस्तान न्यूज़ पेपर तो आगरा में 18 हजार कॉपी बताता है और अगर नज़र डाली जाए तो 5000 लोगों के घर में भी अखबार नहीं जाता । तो इसमें बेचारे गंगा पुत्र अखबार का कोई दोष नहीं है । आगरा में मर भर्ती भी 600 कॉपी ही आ रहा है लेकिन फ़ाइल डीयवीपी की लखनऊ में लगी पड़ी हैं तो यह सब तो चलता हैं भाई ।
good
[b]समाजसेवी अन्ना हजारे की भ्रष्टाचार के खिलाफ चली मुहिम तभी सही मायने सार्थक सिद्ध होगी जब इस तरह सराकर
को चूना लगाने वालों के खिलाफ लोग एकजुट होंगे और उनका भंडाफोड़ करेंगे। बड़े शर्म की बात है कि आम आवाम की आवाज उठाने वाले लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ में इस तरह के लोग भी घूसपेट किए है जो समाज का आइना समझे जाने वाले मीडिया को बदनाम कर रहे है। ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए।
जय हिंद।[/b][/url][/img][/quote][/b]
समाजसेवी अन्ना हजारे की भ्रष्टाचार के खिलाफ चली मुहिम तभी सही मायने सार्थक सिद्ध होगी जब इस तरह सराकर
को चूना लगाने वालों के खिलाफ लोग एकजुट होंगे और उनका भंडाफोड़ करेंगे। बड़े शर्म की बात है कि आम आवाम की आवाज उठाने वाले लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ में इस तरह के लोग भी घूसपेट किए है जो समाज का आइना समझे जाने वाले मीडिया को बदनाम कर रहे है। ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए।
जय हिंद।