खबर है कि एनडीटीवी के आउटपुट एडीटर अविनाश दास दो माह बाद इस संस्थान के हिस्से नहीं रहेंगे। एनडीटीवी प्रबंधन ने उन्हें नई नौकरी खोज लेने के निर्देश दे दिए हैं। वे कहां जाएंगे, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। अविनाश दास ब्लागर भी हैं। एनडीटीवी प्रबंधन ने अभी आधिकारिक रूप से अविनाश दास के बारे में कोई बात नहीं कही है पर एनडीटीवी के सूत्रों का कहना है कि….
….जो साप्ताहिक ड्यूटी चार्ट (रोस्टिंग) जारी किया जाता है उसमें अविनाश दास का नाम नहीं है। शुरू में दो तीन दिनों तक उनके बारे में कहा गया कि वे अवकाश पर चल रहे हैं पर बाद में जब रोस्टिंग चार्ट में उनका नाम नहीं देखा गया तो इसे अविनाश दास की विदाई के रूप में लिया गया। बताया जा रहा है कि प्रबंधन ने अविनाश को अगले दो माह में नई नौकरी तलाश लेने को कहा है।
अविनाश दास एनडीटीवी से पहले प्रभात खबर में थे और उन्होंने पटना, देवघर व रांची में संपादकीय के कई मोर्चों पर काम किया। वे मानवीय संवेदनाओं को उकेरने वाली और सामाजिक विसंगतियों को दर्शाने वाली अपनी रिपोर्टों के कारण काफी चर्चित हुए। बाद में जब उन्हें एनडीटीवी में ब्रेक मिला तो वे दिल्ली आ गए और यहीं के होकर रह गए।
कई वर्षों से एनडीटीवी के साथ जुड़े अविनाश को प्रबंधन ने बाहर करने का फैसला क्यों किया, इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं मिल पाई है पर सूत्रों का कहना है कि एनडीटीवी प्रबंधन को पिछले दिनों इस आशय के काफी मेल मिले जिसमें अविनाश पर निजी हित में एनडीटीवी के बैनर का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया। साथ ही, अविनाश का एनडीटीवी में पिछले कई वर्षों से अप्रेजल औसत से नीचे का हो रहा था। इनके अलावा भी कई और वजह थे। इस आधार पर एनडीटीवी ने उन्हें विदा होने के लिए संकेत दे दिए हैं। एनडीटीवी जिन्हें भी बाहर करता है उन्हें दो महीने का अग्रिम वेतन देता है और साथ ही दो महीने का वक्त नई जाब ढूंढने के लिए मुहैया कराता है। फिलहाल तकनीकी रूप से अविनाश एनडीटीवी के साथ हैं पर ये नोटिस पीरियड के रूप में है।
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