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इंडियन एक्‍सप्रेस ने लिखा, सस्‍ते हवाई टिकट खरीद आयोजकों से पूरे पैसे वसूले किरण बेदी ने

भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाली टीम अन्ना की एक अहम सदस्य किरण बेदी पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक किरण बेदी उन संस्थानों और एनजीओ से अपनी हवाई यात्रा का पूरा किराया वसूलती थी, जो उन्‍हें सेमीनार या अन्‍य आयोजनों में आमंत्रित करते थे, जबकि उन्हें खुद का टिकट उससे कम कीमत पर मुहैया होता था.

<p style="text-align: justify;">भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाली टीम अन्ना की एक अहम सदस्य किरण बेदी पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. अंग्रेजी दैनिक 'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक किरण बेदी उन संस्थानों और एनजीओ से अपनी हवाई यात्रा का पूरा किराया वसूलती थी, जो उन्‍हें सेमीनार या अन्‍य आयोजनों में आमंत्रित करते थे, जबकि उन्हें खुद का टिकट उससे कम कीमत पर मुहैया होता था.</p> <p style="text-align: justify;" />

भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाली टीम अन्ना की एक अहम सदस्य किरण बेदी पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक किरण बेदी उन संस्थानों और एनजीओ से अपनी हवाई यात्रा का पूरा किराया वसूलती थी, जो उन्‍हें सेमीनार या अन्‍य आयोजनों में आमंत्रित करते थे, जबकि उन्हें खुद का टिकट उससे कम कीमत पर मुहैया होता था.

अखबार लिखता है कि 1979 में एक आईपीएस अधिकारी के तौर पर राष्ट्रपति से वीरता पदक (गैलेंट्री अवार्ड) पा चुकी किरण बेदी को एयर इंडिया के इकोनॉमी क्लास के किराए में 75 फीसदी की छूट हासिल है. इसके बावजूद उन्‍होंने 2006 से लेकर 29 सितंबर, 2011 के बीच 12 बार ऐसा किया है, जब उन्हें एयर इंडिया के हवाई किराए में छूट मिली थी और उन्होंने उन संस्थानों से उस टिकट के बदले पूरा पैसा लिया. इन यात्राओं के चेक इंडिया विजन फाउंडेशन के खाते में जमा हुए, जिसकी मालकिन किरण बेदी हैं. किरण बेदी ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि ये देखकर हैरानी हुई कि इकोनॉमी क्लास में सफर करके नेक काम के लिए पैसे बचाना भी अखबारों की सुर्खियां बनता है. किरण बेदी ने कहा है कि वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं.

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0 Comments

  1. कमल शर्मा

    October 20, 2011 at 11:02 am

    किरण बेदी राजा हरिश्चचंद्र का अवतार नहीं है।

  2. raghav

    October 21, 2011 at 8:24 am

    किरण बेदी निस्संदेह एक बेहतरीन अधिकारी रही हैं और भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन में उनकी सहभागिता प्रशंशनीय है, लेकिन उनका ये कथन कि उन्होंने हवाई यात्राओं में कम खर्च कर संस्थाओं से इसलिए अधिक वसूल किया क्योंकि उन्होंने इसे अपनी ही संस्था को दान दे दिया कुछ ठीक नहीं लगता. अगर कोई सरकारी कर्मचारी जो कि executive क्लास के लिए entitled हो और economy क्लास में सफ़र कर सरकार से executive क्लास का किराया इसलिए क्लेम करे कि वो बाकि पैसे को दान करने वाला है तो क्या ये क्षम्य है ? क्या ये भ्रष्ट आचरण नहीं ? किरण बेदी से गलती हुई है तो उन्हें इसे मान लेना चाहिए इसी में बड़प्पन है अन्यथा ये तो चोरी और सीनाजोरी ही हुई.

  3. YOGENDRA

    October 21, 2011 at 6:52 am

    KIRAN BEDI KA KAHNA HAI KI UNHONE JANHIT MAIN YAH SAB KIYA. MAIN BHI AJ KE BAD JITNI KAMAEE RISHWAT SE KAROOGA, USKA ADHIKANSH HISSA MANDIR MAIN DAN KAROONGA, TAKI ADHIK SE ADHIK JANHIT HO SAKE.

  4. mayank

    October 20, 2011 at 3:22 pm

    naresh arora ji firto corrupt officer / neta yadi garib logo ke bachcho ki shadi ,padhai ya beemari par kharch karta hai to kyu chillate ho akhir vo bhi to nek kam kar raha hai.escape karane ka bara achchha tark dete hai.

  5. Naresh Arora

    October 20, 2011 at 7:18 am

    इंडियन एक्सप्रेस को अपना स्लोगन “journalism of courage” से बादल कर Journalism of Buttering कर लेना चाहिए…..यह अख़बार पहले दिन से टीम अन्ना के खिलाफ एक तरफ़ा लिख रहा है ….टीम अन्ना को मिले अपार जन समर्थन के बावजूद कांग्रेस एक्सप्रेस को अकाल नहीं आई है ……अगर यह पैसा किरण ने अपने निजी खाते में डाला होता तो बात समझ में आती थी ..एन जी ओ के लिए खुद एकोंमी क्लास में सफ़र कर के पैसा बचाना गुनाह नहीं है …..इन्डियन एक्सप्रेस ने पंजाब एडिशन में शरद पवार का ब्यान नहीं छपा है जिस से सरकार के लिए मुसीबत बढ़ी है जबकि यह स्टोरी पहले पेज अपर लीद पर है ..आप समझ सकते हैं कि कांग्रेस एक्सप्रेस किस तरह की पत्रकारिता कर रहा है

  6. anil Pande

    October 20, 2011 at 5:57 am

    सरकारी कोठी में NGO चलाने वाली किरण बेदी ने किस तरह सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल निजी कामों में किया इसकी कलई भी खुलेगी.

    बहुत शातिर पीस है यह देश की प्रथम महिला ips अफसर.

    प्रचार का कोई भी अवसर नहीं चूकती .

    टीवी पर एक दिन नहीं आये , तो खाना हज़म नहीं होता .

    देखिएगा कितनी बेशर्मी से हवाई टिकट फ्राड को सही ठहरा देगी .

    इसका Gallantry मेडल वापिस होना चाहिए.

    देश को दीमक की तरह चाट रहे हैं ये सुविधाभोगी लोग.

  7. Harishankar Shahi

    October 20, 2011 at 5:13 am

    आजकल के बिकाऊ जमाने में इंडियन एक्सप्रेस ही एक ऐसा अखबार बचा है जो सच के प्रतिमानों को बिना अपनी पक्षता के दिखाता है. इस अखबार ने पूरी निष्पक्षता से टीम अन्ना को कवर भी किया और उनके स्याह पक्ष को भी दिखाया. कम से अखबारों के बाजारीकरण के बीच कहीं तो खबर मिलती है. अन्यथा अखबार में खबरों की जगह को कई माने जाने अखबार विज्ञापन से मापते है.

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