राजस्थान के कवि एवं मीडियाकर्मी स्व. राजेन्द्र बोहरा की स्मृति में स्थापित छठा राजेन्द्र बोहरा स्मृति काव्य पुरस्कार छत्तीसगढ़ की युवा कवयित्री डॉ. शोभा श्रीवास्तव को उनकी पहली प्रकाशित काव्य कृति ‘सुबह होने तक’ के लिये दिया जाएगा। शोभा श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव की निवासी हैं। वे डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र उच्च माध्यमिक विद्यालय, बसंतपुर में हिन्दी की व्याख्याता हैं।
‘सुबह होने तक’ डा. शोभा श्रीवास्तव की पहली पुस्तक है जो कि 2010 में प्रकाशित हुई है किंतु उनकी रचनाएं देश की लब्ध प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। राजेन्द्र बोहरा स्मृति काव्य पुरस्कार में पांच हजार रुपये, शाल एवं स्मृति चिह्न भेंट किये जाते हैं। 2005 से आरम्भ हिन्दी की पहली काव्य पुस्तक के लिये दिया जाने वाला यह पुरस्कार पहली बार किसी महिला को दिया जा रहा है। पुरस्कार समारोह हर साल स्व. बोहरा की जयंती 21 अक्टूबर को आयोजित किया जाता है। किंतु डॉ. शोभा ने राजकीय कार्यवश आने में असमर्थता जताई है इसलिये यह पुरस्कार अब उन्हें अगले साल आयोजित होने वाले समारोह में दिया जाएगा।
स्व. बोहरा का जन्म 21 अक्टूबर 1946 को हुआ था और उनका निधन 27 अप्रैल 2005 को हुआ. उन्होंने आकाशवाणी और दूरदर्शन में तीन दशक तक काम किया। वे 1991 से 1994 तक बीबीसी लंदन में प्रोड्यूसर रहे लेकिन उनकी खास पहचान श्रमिक आंदोलन और साहित्य से थी। उनके दो काव्य संग्रह प्रकाशित हुए. पहला ‘आओ पहाड़ पर चलें’ 1982 में आया. दूसरा ‘डर और उसके विरूद्ध’ उनकी मृत्यु के बाद 2005 में प्रकाशित हुआ। उनके निधन के बाद उनके परिवार ने उनकी स्मृति में हिन्दी में प्रकाशित पहली काव्य कृति के लिये यह पुरस्कार स्थापित किया।
pradeep srivastava
October 18, 2011 at 4:50 am
dr sobha ji ko bahut-bahut hardikbadhaii