इसे अन्नागिरी का असर कह सकते हैं. लोगबाग अपने हक के लिए अपने नेताओं, जनप्रतिनिधियों को घेरने-पकड़ने-बंधक बनाने लगे हैं और यह सब करके अपनी मांग मनवाने को तत्पर दिख रहे हैं. खबर पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से है. यहां के एक सभासद पति को लोगों ने बड़े प्यार से बंधक बना लिया. और वे खुशी खुशी बंधक बन भी गए. सभासद पति का नाम मुराहू राम है और वे दलित हैं.
मुराहू राम की इलाके में छवि बेहद सीधे और सरल व्यक्ति की है. उन्हें कोई फोन कर राशनकार्ड वगैरह बनाने को कहता है तो वे खुद बनवाकर उसके घर जाकर दे आते हैं. उनकी इस सहजता, सरलता और दलित होने का लोगों ने फायदा उठाया और उन्हें पकड़कर बंधक बना लिया. सूत्रों का कहना है कि अगर वे दलित होने के नाते बंधक बनाए जाने की लिखित रूप से शिकायत पुलिस में कर देते हैं तो बंधक बनाने वालों की शामत भी आ सकती है.
यह भी कहा जा रहा है कि उन्हें बंधक ही इसलिए बनाया गया क्योंकि वे दलित हैं और सहज रूप से हर बात सबकी मान लेते हैं. वरना अगर कोई सवर्ण सभासद पति होता तो जरूर स्वभाव से आक्रामक होता और उसे छूने की हिम्मत इलाकाई लोगों में नहीं होती. पर लोगों का कहना है कि मुराहू राम ने खुद को बंधक बनाए जाने में अपनी तरफ से भी सहयोग दिया और लोगों द्वारा हांथ-पांव बांधे जाने का विरोध नहीं किया. हालांकि जिस मामले में उन्हें बंधक बनाया गया, वह मामला उनके या उनकी पत्नी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. फिर भी उन्हें बंधक बना लिया गया.
घटनाक्रम कुछ इस प्रकार है. कालीमहौल स्थित वार्ड नंबर 4 का ट्रांसफार्मर महीने भर से जला हुआ है. लोग बिजली के लिए तरस रहे हैं. बिजली न होने से इससे जुड़े कई तरह के काम ठप हैं. बच्चे पढ़ नहीं पा रहे. मोबाइल फोन चार्ज नहीं हो रहे. पानी की किल्लत उठानी पड़ रही है. टीवी समेत कई इलेक्ट्रानिक उपकरणों का इस्तेमाल संभव नहीं हो पा रहा है. बिन बिनली सून हुए जीवन से आजिज लोगों ने समस्या के हल के लिए नायाब तरीका निकाला.
उन्होंने इलाके की सभासद के पति मुराहू राम को पकड़ लिया और बड़े प्यार से एक मंच पर बिठा लिया. फोन करके मीडिया वालों को बुला लिया. और मीडिया के सामने ही मुराहू राम को लगे रस्सियों से बांधने. उन्हें बांधकर भीड़ घेरे रही और नारे लगाती रही. ट्रांसफार्मर जले होने की कई बार शिकायत के बावजूद बिजली विभाग की कुंभकर्णी नींद न टूटने की गाज सभासद पति पर गिर पड़ी. मुराहू राम को बंधकर बनाकर लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे क़स्बा चौकी इंचार्ज ने बिजली विभाग के आला अधिकारियों से बातचीत कर दो दिन में ट्रांसफार्मर बदलवाने का आश्वासन दिया. इसके बाद ही मुराहू राम जनता की कैद से मुक्त हुए.
इस घटना से इलाके के कई दलित घरों में सुगबुगाहट है. एक दलित नेता का इस तरह अपमान किए जाने को लोग पचा नहीं पा रहे हैं. कायदे से इस प्रकरण में बिजली विभाग के अफसरों को पकड़ा और घेरा जाना चाहिए. बिजली विभाग के आफिस का घेराव किया जाना चाहिए. पर लोगों ने आसानी से उपलब्ध अपने इलाके के सीधे सरल सभासद पति को ही रस्सियों से बांध डाला. जो भी हो, इलाके के लोग इस बात से खुश हैं कि उनकी रणनीति से उनकी बात बड़े अफसरों तक पहुंच गई और उनका काम होने वाला है. जल्द ही ट्रांसफार्मर लग जाएगा और उनके घर रोशनी से गुलजार हो जाएंगे. पर सवाल मुराहू राम का है, कि वे अगर समस्याओं के हल के लिए इसी तरह माध्यम बनते रहे तो उन्हें हर कोई आए दिन अपनी समस्याओं के लिए घेर कर रस्सियों से बांधता रहेगा.
Comments on “दलित हैं, इसलिए आराम से बांध दिए गए सभासद पति मुराहू राम, देखें ये तस्वीरें”
mahashay aapko pata ho ki sreeman ji ko baandhne walon me dalit log bhi the , aur ye to srimaan ji ki namrata ka parichay hai jo aapko sidhe sadhe dikhte hain.wese dekha jaye to wahan ki jantaa ne sahi mayane me loktantra ko paribhashit kiya ,,,,, hamssabon ko wahan ki janta se sikh lene ki jaroorat hai na ki jatiwad ko le ke tipanni karne ki…:)
mahoday aapko unka sirf dalit hona hi nazar aaya aur kuchh nahi . logon ki pareshaaniyaan nazar nahi aayi . jo log 1 months se bizli paani ke liye pareshaan rahe wo aise hi pareshaan rehte , yahi chaahte hain na aap. janta ko pareshaani me jo bhi nazdik dikhaai deta hai we usko hi pakadte hain. lekin aapka maante hain ki dalit dalit hota hai aur yadi wo kuchh bhi na kare to bhi usko kuchh na kahaa jaaye . kya dalit ko sirf reservation chhahiye ya kuchh jimmedaariyaan nibhaane ka daayitv bodh bhi unme hona chaahiye . paarshad mahoday ke kya kya kaam hote hain aur unse janta kya kya kaam karwa sakti hai aap ye bataayenge jaraa. ya unse koi shikaayat hi nahi ki jaa sakti. rahul gaandhi samet kitne hi netaao ka ghar gheraa gayaa aapko wahaan bhi dhoondhana chaahiye ki kitne dalit aur kitne gair dalit ko ghera gayaa . paarshad paarshad hota hai na ki dalit ya gair dalit . kuchh to sikhiye . mahaaraaj