Connect with us

Hi, what are you looking for?

दुख-दर्द

बीबीसी संवाददाता को तीन साल की सजा

ताजिकिस्तान में एक अदालत ने बीबीसी संवाददाता उरिनबॉय उस्मानोव को एक प्रतिबंधित इस्लामी संगठन की गतिविधियों में लिप्त होने का दोषी घोषित किया है. अदालत ने उस्मानोव को हिज़्ब उत-तहरीर की गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में तीन साल की जेल की सज़ा सुनाई मगर राजकीय माफ़ी के तहत तुरंत उन्हें रिहा करने का आदेश भी दे दिया.

<p style="text-align: justify;">ताजिकिस्तान में एक अदालत ने बीबीसी संवाददाता उरिनबॉय उस्मानोव को एक प्रतिबंधित इस्लामी संगठन की गतिविधियों में लिप्त होने का दोषी घोषित किया है. अदालत ने उस्मानोव को हिज़्ब उत-तहरीर की गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में तीन साल की जेल की सज़ा सुनाई मगर राजकीय माफ़ी के तहत तुरंत उन्हें रिहा करने का आदेश भी दे दिया.</p> <p style="text-align: justify;" />

ताजिकिस्तान में एक अदालत ने बीबीसी संवाददाता उरिनबॉय उस्मानोव को एक प्रतिबंधित इस्लामी संगठन की गतिविधियों में लिप्त होने का दोषी घोषित किया है. अदालत ने उस्मानोव को हिज़्ब उत-तहरीर की गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में तीन साल की जेल की सज़ा सुनाई मगर राजकीय माफ़ी के तहत तुरंत उन्हें रिहा करने का आदेश भी दे दिया.

जून में गिरफ़्तार किए गए उस्मानोव ने आरोपों से इनकार किया है और बीबीसी ने ज़ोर देकर कहा है कि वह बतौर पत्रकार सिर्फ़ अपना काम कर रहे थे. जून में उनकी गिरफ़्तारी के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी काफ़ी आलोचना हुई थी और बीबीसी ने इस फ़ैसले की कड़ी निंदा की है. अधिकारियों ने उस्मानोव पर आरोप लगाया था कि उन्होंने ताजिक पुलिस को हिज़्ब उत-तहरीर के सदस्यों का ब्यौरा मुहैया नहीं कराया. वहीं उस्मानोव का कहना था कि हिज़्ब उत-तहरीर के कामकाज पर रिपोर्टिंग करते समय उनकी सिर्फ़ उस संगठन के सदस्यों से मुलाक़ात हुई थी.

सहायता : बीबीसी ने इस मौक़े पर एक बयान जारी करके कहा है, “मुक़दमे के दौरान ऐसा कोई भी सबूत नहीं आया जिससे किसी ग़लती का पता चलता और हमारे संवाददाता को सिर्फ़ पूरी तरह बरी करना ही हमें स्वीकार्य होगा.” बीबीसी ग्लोबल न्यूज़ के निदेशक पीटर हॉरक्स ने इस मौक़े पर कहा कि बीबीसी उस्मानोव को पूरी सहायता देती रहेगी. हॉरक्स के अनुसार, “हमें उम्मीद है कि अपील के बाद उनकी प्रतिष्ठा एक लेखक और पत्रकार के रूप में फिर से स्थापित हो जाएगी.”

उस्मानोव को 13 जून को गिरफ़्तार किया गया था. मुक़दमे के दौरान अदालत में उस्मानोव ने बताया था कि उन्हें हिरासत में पीटा गया था और सुरक्षाकर्मियों ने उनकी बाँह सिगरेट से जलाई थी. उन्होंने ये भी कहा था कि उनसे इक़बालिया बयान पर ज़बरदस्ती हस्ताक्षर करवाए गए थे. चार अन्य लोग भी दोषी पाए गए और उन्हें लंबे समय तक जेल की सज़ा सुनाई गई. उस्मानोव ने इस फ़ैसले के विरुद्ध ताजिकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का निर्णय लिया है. साभार : बीबीसी

Click to comment

0 Comments

  1. prashant

    October 15, 2011 at 2:02 pm

    ये हिम्मत ताजिकिस्तान के अधिकारियों में ही हो सकती है.

  2. Patrakar manoj soni

    October 15, 2011 at 4:32 pm

    Pratham drashtiya ye press ke virudh shadyantra ka hissa dikhlai pad raha he.patrkaro ko BBC ka sath dena chahiye.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Advertisement

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

Uncategorized

मीडिया से जुड़ी सूचनाओं, खबरों, विश्लेषण, बहस के लिए मीडिया जगत में सबसे विश्वसनीय और चर्चित नाम है भड़ास4मीडिया. कम अवधि में इस पोर्टल...

हलचल

[caption id="attachment_15260" align="alignleft"]बी4एम की मोबाइल सेवा की शुरुआत करते पत्रकार जरनैल सिंह.[/caption]मीडिया की खबरों का पर्याय बन चुका भड़ास4मीडिया (बी4एम) अब नए चरण में...

Advertisement