खबर है कि बीबीसी से सलमा जैदी का नाता टूट गया है. वे पिछले सत्रह सालों से बीबीसी से जुड़ी हुई थीं. वे फिलहाल बीबीसी हिंदी ऑनलाइन सर्विस एडिटर के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रही थीं. 31 जुलाई को बीबीसी में उनका आखिरी दिन था. सलमा जैदी के जाने की जमीन मार्च में ही तैयारी हो गई थी. जब बीबीसी में छंटनी की तैयारी शुरू हो गई थी. परन्तु बाद में सलमा जैदी को तीन महीने का एक्सटेंशन दिया गया. इस बीच वो अपने साथ अपनाए गए गलत रवैये के बारे में बीबीसी प्रबंधन को जानकारी भी दी थीं.
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सलमा जी के जाने से नुकसान सलमा जी को नहीं,बल्कि बीबीसी को है।लेकिन अमित बरुआ ये न सोचें कि उनकी पारी काफी लंबी है।अब उनका और उनके चंपू रेहान फज़ल का विकेट बहुत जल्द गिरेगा।अमित बरुआ का बीबीसी हैड बनना ना सिर्फ बीबीसी के पतन की पराकाष्ठा है बल्कि ये भी कि एक अंग्रेजीदां पत्रकार के बीबीसी हिन्दी सेवा का प्रमुख बनने से हिन्दी भाषा का भी अपमान हुआ है।सलमा और रेनू अगाल की तो छुट्टी हो गई लेकिन एक नॉन जर्नलिस्ट रेहान अपने उच्च संपर्कों के दम पर टिका हुआ है।ये बीबीसी का बेहद दुर्भाग्य है