सख्त फैसलों के लिए चर्चित काटजू बने प्रेस काउंसिल अध्यक्ष

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कुछ दिनों पहले ही रिटायर हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मार्कंडे काटजू को नई जिम्मेदारी दे दी गई है. उन्हें इंडियन प्रेस काउंसिल का अध्यक्ष बना दिया गया है. यह नियुक्ति सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने की है. अपने कार्यकाल के दौरान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कई बड़े फैसले काटजू ने सुनाए.

उन्हें ईमानदार, सख्त और जनपक्षधर विचारधारा वाला माना जाता है. मार्कन्डे काटजू को भारतीय प्रेस परिषद का अध्यक्ष बनाए जाने से मीडिया के ईमानदार लोगों में भरोसा जगा है कि भ्रष्ट होते जा रहे बड़े अखबारों पर लगाम लगा पाने की शुरुआत काटजू कर सकेंगे. भारतीय प्रेस परिषद एक अर्धन्यायिक निकाय है जो मीडिया के क्रिया-कलापों पर नजर रखती है. नियम के तहत इसका अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त न्यायाधीश होता है.

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा बुधवार को की गई घोषणा के मुताबिक काटजू प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष पद पर न्यायाधीश जी. एन. राय की जगह लेंगे. 20 सितम्बर 1946 में मार्कंडे काटजूजन्मे काटजू ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत किया. वर्ष 1991 में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया. अगस्त 2004 में वह इसी न्यायालय में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहे. नवम्बर 2004 में काटजू को मद्रास उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया. वह अक्टूबर 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने.

अप्रैल 2006 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया. वह 19 सितम्बर, 2011 को सेवानिवृत्त हुए. न्यायमूर्ति काटजू अनेक बार अपने सख्त फैसलों को लेकर खबरों में रहे. सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान काटजू की कई टिप्पणियां चर्चा में रहीं. दारिया मुठभेड़ मामले में निलम्बित एडीजे अरविन्द जैन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू ने कहा था कि फर्जी मुठभेड़ करने वालों को फांसी मिलनी चाहिए. न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू करीब साढ़े पांच साल तक शीर्ष अदालत की पीठ में सेवा में रहे. उन्हें अपने सख्त फैसलों के लिए जाना जाता है.

न्यायमूर्ति काटजू के सुप्रीम कोर्ट से रिटायरमेंट के दौरान न्यायमूर्ति एसएच कपाड़िया ने कहा था कि न्यायमूर्ति काटजू ने ना तो कभी सच बोलने का साहस छोड़ा और न ही आम आदमी के प्रति अपनी चिंता को छोड़ा. न्यायमूर्ति काटजू ने भ्रष्टाचार को लेकर कड़े स्वर में कहा था, भ्रष्ट लोगों को खंभों पर लटका देना चाहिए क्योंकि देश में भ्रष्टाचार से निपटने का यही मात्र तरीका है.  उन्होंने यह भी कहा था, किसी प्रतिबंधित संगठन का सदस्य होने से ही कोई व्यक्ति आतंकवादी या अपराधी नहीं हो जाता. इसी तरह उन्होंने पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ के मामलों को रोकने के लिए मौत की सजा को ही समाधान बताया था.

न्यायमूर्ति काटजू ने यह भी कहा था कि झूठी शान के नाम पर हत्याओं और दहेज हत्याओं में शामिल लोगों को मत्युदंड दिया जाना चाहिए. उन्होंने एक बार कहा था कि मुस्लिम शिक्षण संस्थानों में दाढ़ी रखने पर जोर नहीं दे सकते और भारत का तालिबानीकरण नहीं कर सकते. इस बयान के बाद विरोध प्रदर्शन हो गए और न्यायमूर्ति काटजू ने अपनी टिप्पणी के लिए अफसोस जताते हुए अपने फैसले को भी वापस ले लिया था.

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Comments on “सख्त फैसलों के लिए चर्चित काटजू बने प्रेस काउंसिल अध्यक्ष

  • akhbar ke maalik lala logon sudhar jaoo varna press parisad me ab koi patrakar chala gaya to maarkandey kaatjo ulta latakva dega

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  • Machala Agarwal says:

    Thik hai Justice kaatju ko Nyayapriya aur kathore faislo ke liye jaana jata hai. par sirf muh se kathor vachan bol dene se hi koi nyaypriy nahi ho jata. Mujhe yaad hai 13th Feb 2008 ka wo din Jab supreme Court me wo bol to rahe thay nayay karne ki baat par anyayi aur currupt log unn par haavi hue aur uska punishment aaj tak ham log bhog rahe hain. At least ek judge mein himmat to honi chahiye ki currupt logo ke samne na jhuke wo bhi ek Supreme Court ka judge.

    Reply
  • Machala Agarwal says:

    Thik hai Justice kaatju ko Nyayapriya aur kathore faislo ke liye jaana jata hai. par sirf muh se kathor vachan bol dene se hi koi nyaypriy nahi ho jata. Mujhe yaad hai 13th Feb 2008 ka wo din Jab supreme Court me wo bol to rahe thay nayay karne ki baat par anyayi aur currupt log unn par haavi hue aur uska punishment aaj tak ham log bhog rahe hain. At least ek judge mein himmat to honi chahiye ki currupt logo ke samne na jhuke wo bhi ek Supreme Court ka judge.Thik hai Justice kaatju ko Nyayapriya aur kathore faislo ke liye jaana jata hai. par sirf muh se kathor vachan bol dene se hi koi nyaypriy nahi ho jata. Mujhe yaad hai 13th Feb 2008 ka wo din Jab supreme Court me wo bol to rahe thay nayay karne ki baat par anyayi aur currupt log unn par haavi hue aur uska punishment aaj tak ham log bhog rahe hain. At least ek judge mein himmat to honi chahiye ki currupt logo ke samne na jhuke wo bhi ek Supreme Court ka judge.

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  • Sanjay Sharma. Editor Weekand Times. says:

    उम्मीद हैं कि जस्टिस काटजू की नियुक्ति मीडिया जगत में परिवर्तन की एक नई शुरआत करेगी. ..अब दौर आ गया है जब पत्रकारों को अपनी ईमानदारी अपनी लेखनी से सिद्ध करनी होगी. अब शायद यह हो सके कि अखबार मालिक पेड न्यूज़ का अपना धंधा बंद करे..काटजू जी की भी यह अग्नि परीक्षा होगी कि खबरों को बेचने के धंधे पर लगाम लगा सके.

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  • It is a good move. The press council should get power to punish those who have used media only for making money through corrupt means.

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  • Mohan Tiwari says:

    Ab media ke liye shayad achhe din ane wale hai. Press k ulate sidhe kamo per ab lagam lag sake eska sabko intjar hai. pratispardha me galat khabaro ko pes karna muskil ho sakta hai. sambhal jao abhi bhi samay hai. ye Katju katata bahut tej hai……..jiska vakcin bazar me nahi molta.——JAI ..KALBHARO

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