: स्टर्डिया घोटाले पर हफ्ते भर में जवाब मांगा : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक लगातार अपने ही फंदे में घिरते जा रहे हैं. जब तक वे किसी एक विवाद पर धूल-मिट्टी डालकर सुख-चैन का एहसास करना शुरू करते हैं कि तभी अचानक दूसरा बड़ा विवाद प्रकट हो जाता है. जून 2010 में ऋषिकेश में जिस स्टर्डिया घोटाले का खुलासा हुआ था, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका को संज्ञान लेते हुए निशंक सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
सूत्रों के मुताबिक ऋषिकेश में एक फैक्ट्री की करीब 50 एकड़ जमीन को सरकार ने एक बिल्डर को नियम विरुद्ध तरीके से दे दिया था. कई न्यूज चैनलों पर इस घोटाले का स्टिंग दिखाए जाने के बाद मामला हाईकोर्ट में पहुंचा और फिर सरकार को यह करार मजबूरन निरस्त करना पड़ा. होईकोर्ट ने कहा था कि पूरे मामले की जांच कराई जाए और दोषी अफसरों-नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो. इस पर वरिष्ठ वकील अवतार सिंह रावत सुप्रीम कोर्ट यह कहते हुए चले गए कि सरकार अपने ही खिलाफ जांच कैसे करा सकती है, इसलिए जांच का काम केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपा जाए.
अब उस जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने निशंक सरकार को हफ्ते भर में जवाब देने को कहा है. इस नोटिस में निशंक सरकार को पूरे प्रकरण पर अपना स्टैंड रखने और याचिका में उल्लखित तथ्यों पर पक्ष रखने को कहा है. माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का यह रुख सरकार के लिए परेशानी का सबब बनने वाला है. अगर सरकार के जवाब से संतुष्ट न होकर सुप्रीम कोर्ट ने निष्पक्ष केंद्रीय जांच के आदेश दे दिए तो फिर निशंक सरकार को लेने का देना पड़ सकता है. यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस के खिलाफ घोटाले को मुख्य मुद्दा बनाए भाजपा उत्तराखंड के मामले में बैकफुट पर जा सकती है क्योंकि यहां भाजपा सरकार ही घोटालों के आरोपों से घिरी हुई है.
raj
March 5, 2011 at 10:07 am
Chor cm ko to badi saja honi chaye. unko cm canane wale bjp ke centre ke netaon ko bhi jawab dena hoga.[b][/b]