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पॉवर-पुलिस

सोनम का रेप और मर्डर पुलिसवालों ने किया!

10 जून 2011 को लखीमपुर (खीरी) के थाना निघासन में चौदह वर्षीय नाबालिग लड़की सोनम के साथ पुलिस कर्मियों द्वारा सामूहिक बलात्कार और उसके बाद उसकी हत्या की घटना को संज्ञान में लेते हुए मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) का पांच सदस्यीय जांच दल ने 11 जून 2011 को घटना स्थल का दौरा किया।

<p style="text-align: justify;">10 जून 2011 को लखीमपुर (खीरी) के थाना निघासन में चौदह वर्षीय नाबालिग लड़की सोनम के साथ पुलिस कर्मियों द्वारा सामूहिक बलात्कार और उसके बाद उसकी हत्या की घटना को संज्ञान में लेते हुए मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) का पांच सदस्यीय जांच दल ने 11 जून 2011 को घटना स्थल का दौरा किया।</p>

10 जून 2011 को लखीमपुर (खीरी) के थाना निघासन में चौदह वर्षीय नाबालिग लड़की सोनम के साथ पुलिस कर्मियों द्वारा सामूहिक बलात्कार और उसके बाद उसकी हत्या की घटना को संज्ञान में लेते हुए मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) का पांच सदस्यीय जांच दल ने 11 जून 2011 को घटना स्थल का दौरा किया।

जांच दल जांच के दौरान पीड़ित पक्ष के परिजनों व आस-पास के लोगों से मुलाकात कर घटना के बारे में जानकारी हासिल की। जांच टीम ने पुलिस अधिकारियों से मिलकर मामले के बारे में पूछताछ करने की कोशिश की लेकिन उनका रवैया असहयोगात्मक रहा। जांच दल से सोनम की मां ने तरन्नुम ने बताया कि शुक्रवार को दिन में करीब ग्यारह बजे मेरी बेटी सोनम उम्र 14 वर्ष व बेटा अरमान उम्र पांच वर्ष भैंस चराने गए थे, भैंस थाने के अंदर घुस गई थी, जिसको लेने मेरी बेटी थाने के अंदर गई। जहां पुलिस वालों ने उसे खींच लिया और मेस के अंदर घसीटते हुए ले गए और वहां मेरी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसे थाने के पीछे भिलोर के पेड़ पर लटका दिया।

सोनम की मां ने जांच दल से बताया कि यह जब उसके बेटे अरमान ने उसे बताया तब वह दौड़ती हुई सोनम की लाश के पास पहुंची, जहां सोनम की लाश पेड़ से लटक रही थी, उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे, उसके शरीर पर चोटों के निशान थे तथा उसकी योनि खून से लथपथ थी। यह देखकर वह चिल्लाने लगी। तभी पुलिस वाले उन्‍हें गालियां देते हुए कहा कि यहां क्यों शोर मचा रही हो, तुम्हारी लड़की ने आत्म हत्या किया है। लाश ले के यहां से भाग जाओ नहीं तो तुमको बहुत मार मारेंगे। मैं अपनी बेटी की लाश लेकर रोती-चिल्लाती अपने घर पहुंची जहां काफी भीड़ इकट्ठा हो गई। इसी दौरान एसओ निघासन, एसडीएम तथा सादी वर्दी में सीओ साहब पहुंचे मैंने और वहां मौजूद बाकी लोगों ने जब दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की तो पुलिस वाले मुझे धमकाने लगे।

पुलिस वालों ने कहा कि तुम्हारी लड़की ने आत्म हत्या किया है कोई मुकदमा दर्ज नहीं होगा और वे लोग घर पर ही लाश का पंचनामा भरने लगे,  जिसका लोगों ने जमकर विरोध किया और पुलिस प्रशासन के विरुद्ध नारे लगाने लगे। लोगों का बढ़ता विरोध देखकर पुलिस वाले मुकदमा दर्ज करने के लिए तैयार हो गए और मेरे घर पर जो पंचनामा भरा गया था उसे पुलिस वालों ने फाड़ दिया। मैंने अपने बेटे अरमान के बताए गए हुलिए के अनुसार दरोगा वीके सिंह, सिपाही एसके सिंह तथा फालोवर रामचंद्र के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी, लेकिन पुलिस वालों ने मेरी तहरीर लेने से मना कर दिया और कहा कि मुकदमा अज्ञात में दर्ज करवाना हो तो करवा लो नहीं तो मामला यहीं खत्म कर देंगे। मजबूरन दबाव में मैंने पुलिस वालों के कहे अनुसार लिखी तहरीर पर अंगूठा लगा दिया।

जांच दल ने जब सोनम के भाई पांच वर्षीय अरमान से बातचीत की तो उसने बताया कि मैं अपनी दीदी के साथ भैंस चरा रहा था, जब भैंस थाना परिसर में चली गई तो हम लोग उसे लेने गए तभी कुछ पुलिस वाले आए, जिनमें से एक ने वाले मेरे सिर पर बंदूक तानकर चुप रहने को कहा और दीदी को अंदर कमरे में घसीटते हुए ले गए। काफी देर बाद पुलिस वालों ने दीदी को पेड़ से लटका दिया और मुझे वहां से भगा दिया। अरमान ने बताया कि वह वहां से भागकर घर आया और अपनी मां से सारी बात बताई।

सोनम के पिता ने जांच दल को बताया कि बेटे अरमान ने जिन पुलिस वालों के बारे में बताया उसके मुताबिक वे तीन लोग हैं- दरोगा वीके सिंह, सिपाही एसके सिंह और फालोवर रामचंद्र। जांच दल ने पुलिस पक्ष से घटना के बारे में पूछताछ कर मामले के बारे में उनका पक्ष तथा पोस्ट मार्टम रिपोर्ट और प्रथम सूचना रिपोर्ट की नकल प्राप्त करने की कोशिश की लेकिन जांच दल के साथ पुलिस पक्ष का व्यवहार असहयोगात्मक और अभद्रतापूण रहा। जांच दल ने घटना के बारे में स्थानीय लोगों से भी बातचीत की तथा स्थानीय समाचार पत्रों का भी अवलोकन किया। सबसे चौंकाने वाली बात सोनम के साथ हुए बलात्कार और हत्या की घटना में पुलिस की सलिप्तता को स्पष्ट करती है कि पुलिस इस पूरे मामले को आत्म हत्या के रुप में प्रचारित करने में जुटी हुई है और इसके लिए तथ्यों को छुपाने तोड़ने मरोड़ने में लगी हुई है, यहां तक कि पोस्ट मार्टम को भी जारी नहीं किया गया है।

इस तथ्य की पुष्टि बारह जून 2011 के अमर उजाला की यह खबर भी करती है जिसमें – ”देर शाम साढ़े सात बजे शव का अंतिम संस्कार निघासन कस्बे में कर दिया गया। इसके बाद भी पुलिस मुखिया ने पोस्ट मार्टम न मिलने की बात कही है। वहीं सीएमएस डाक्टर एचटी हुसैन ने अमर उजाला को बताया कि रिपोर्ट पोस्ट मार्टम के कुछ देर बाद भेज दी गई थी। इसकी कापी एसपी कार्यालय को भेजी गई।”  वहीं दूसरी ओर दैनिक समाचार पत्र हिन्दुस्तान में बारह जून 2011 को ” पीएम रिपोर्ट से उलझी गुत्थी रेप की पुष्टि नहीं” शीर्षक से छपी खबर में हैं। ”दिन भर हुए बवाल के बाद देर शाम जब डाक्टरों ने पीएम रिपोर्ट पुलिस को सौंपी तो उस रिपोर्ट में बालिका के साथ रेप करने की कहीं पुष्टि नहीं हुई। पीएम रिपोर्ट आने के बाद अब ये मामला और उलझ गया है।” जांच दल को समाचार पत्रों के अवलोकन से यह भी विदित हुआ कि सोनम की मां तरन्नुम की तहरीर पर अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है तथा पुलिस अधिक्षक लखीमपुर (खीरी) द्वारा घटना के समय ड्यूटी पर तैनात ग्यारह पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

परिजनों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति : सोनम के पिता इन्तजाम अली फेरी लगाकर अपना और अपने परिजनों का भरण-पोषण करते हैं। इस दौरान वे निर्माणाधीन निघासन थाने में बतौर मजदूर काम करने लगे थे और जिसमें उन्हें रोजाना मजदूरी मिल जाती थी। इंतजाम अली का घर थाने से लगा हुआ था इसलिए ठेकेदार ने उन्हें सामान की रात में रखवाली के लिए चौकीदार के रुप में भी काम दे रखा था। घटना वाले दिन इंतजाम अली घर पर नहीं थे और वे
अपनी बड़ी बेटी रुक्सार की शादी का कार्ड बांटने अपने ससुराल गए थे।

जांच दल के निष्कर्ष :

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1- नाबालिग सोनम के साथ बलात्कार और हत्या पुलिस कर्मियों ने थाना परिसर निघासन में किया।

2- बलात्कार और हत्या को छिपाने के लिए दोषी पुलिस कर्मियों ने आत्म हत्या का केस बनाने के लिए शव को पेड़ से लटका दिया।

3- बलात्कार और हत्या की घटना को छिपाने और विधिक प्रक्रिया से बचने के लिए थाने के परिसर में पेड़ से लटके सोनम के शव को पुलिस कस्टडी में न लेकर दोषी पुलिस कर्मियों द्वारा सोनम की मां को डरा धमकाकर शव के साथ भगा दिया गया।

4- दोषी पुलिस कर्मियों को बचाने के लिए एसओ निघासन, एसडीएम निघासन और सीओ निघासन द्वारा सोनम की मां को डराया धमकाया गया तथा नामजद प्रथम सूचना रिपोर्ट न दर्ज कर अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट कराने के लिए मजबूर किया गया।

5- दोषी पुलिस कर्मियों को बचाने के लिए पोस्ट मार्टम का निष्कर्ष आने के बावजूद जारी नहीं किया गया जो पोस्ट मार्टम रिपोर्ट की सत्यता पर संदेह पैदा
करता है।

जांच दल की संस्तुति :

1- सोनम की थाना परिसर में बलात्कार के बाद हत्या की निष्पक्ष जांच किसी सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश या जनपद न्यायाधीश से कराई जाय।

2- सोनम के परिजनों को उचित मुआवजा तथा सुरक्षा राज्य सरकार से मुहैया कराया जाय।

3- सोनम के बलात्कार और हत्या में लिप्त दोषी पुलिस कर्मियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाय।

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4- राज्य सरकार को निर्देशित किया जाय कि मानवाधिकार आयोग तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा डीके बसु केस में जारी किए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित कराए।

पीयूसीएल के प्रदेश संगठन सचिव राजीव यादव की रिपोर्ट.

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0 Comments

  1. faisal khan

    June 13, 2011 at 9:30 am

    uttar pardesh ki BSP sarkar ke liye is se zayada sharm ki baat kiya hogi magar ye sarkar to ankh se andhi hai kaan se behri hai magar zaban khoob chalati hai is sarkar mai aise case lagatar ho rahe hain aur is case mai to police ke log hain warna iske adhikari aur minister bhi yahi kar rahe hain lekin bakre ki maa kab tak khair manayegi aik din to halal hona hi hai is sarkar ki ye akhri pari hai jo khail rahi hai agli baar iski mukhya aur mantri sadenge jail mai aur inki halat hogi kutte jaisi,is sarkar ko sharm naam ki kisi cheez ka pata nahi hai.aise police walon ko to turant hi phansi par chadhaya jana chahiye magar chadhaye kon is sarkar ke hamam mai kiya adhikari kiya mantri aur kiya sarkar ki mukhya sab hi to nange hain,,m faisal khan (saharanpur)

  2. sanjay kumar kushwaha

    June 13, 2011 at 11:46 am

    police waalo ka gundaraaj hai uttar pardesh me ,

  3. sanjay kumar kushwaha

    June 13, 2011 at 11:47 am

    police waalo ka gundaraaz hai uttar pardesh me,

  4. बबिता अस्थाना

    June 13, 2011 at 11:55 am

    हमारे देश का दुर्भाग्य है कि जिन लोगों को देश और समाज की सुरक्षा के लिए बैठाया गया है, उन्हें तन्ख़्वाह दी जाती है कि वो समाज की सुरक्षा करें और वो ही ऐेसे कृत्य करते हैं ऐसे दरिन्दों को तो जितनी ख़ौफनाक सज़ा हो दी जानी चाहिए…एक बच्ची के साथ ऐसा करने वाले और उनका बचाव करने वाले सभी दोषी हैं उनके ख़िलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए , लेकिन ऐसा किस हद तक संभव होगा कहना मुश्किल है क्योंकि हमारी न्यायिक प्रणाली से लेकर देश के वो लोग जिन्हें ज़िम्मेदारी दी जाती है सभी भ्रष्ट हैं कोड़ियों के दाम बिकता है इनका ईमान ऐसे में बेचारे सोनम के ग़रीब मां बाप कितनी लड़ाई लड़ पायेगे, कुछ दिनों बाद बाकी पड़े बलात्कार के मामलों की तरह ये केस भी बंद हो जायेगा….लेकिन सवाल ये है कि हम कब तक सोये रहेंगे…..??????

  5. Deepak panday

    June 14, 2011 at 5:56 am

    Kheri me police ka warchasw es kadr nast hua hai ki kisi bhi chaurahe ya ganw kasbe me unka gali dekar hi nam liya jata hai kheri police itni nikmmi ho gai hai ki mere pas sbd nahi hain logo ke man se police ka khauf mit chuka hai aur charo tarf akhbaro me ktl apharn lot balatkar ki hi khbren mill rahi hain jaha ek tarf nighasan police ne ye ghinona kam kiya hai wahi bheera me police ne ratri gast pe viram laga diya hai sayad yaha ki police bhi high light hona chahti hai
    Deepak panday
    Mo.08052682005

  6. jeet singh

    June 14, 2011 at 6:12 am

    uttra pradesh me janta ka raj nahi hai..? mayawati kaha gai..? lagta hai uski aakhen nahi hai..?jis rajya me mahila C.M ho us rajya me mahila hee surakshit nahi hai..ye hamre desh ki durbhagya hai ..mayawti ko kewal daulat chaiye usko janta se koi matla nahi..?

  7. jeet singh

    June 14, 2011 at 6:15 am

    mayawati nahi maharani hai..yahi hall raha to mayawati desh ko bech degi..

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