नागपुर से पिछले दिनों जोरशोर से लांच हुए देश के पहले हिंदी विचार दैनिक ‘राष्ट्रप्रकाश’ से अब इस अखबार के संस्थापक और चीफ एडिटर एसएन विनोद का अब किसी तरह का कोई नाता नहीं रहा। उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने न सिर्फ राष्ट्रप्रकाश के चीफ एडिटर पद से इस्तीफा दिया है बल्कि मराठी दैनिक देशोन्नति के सीईओ और ग्रुप एडिटर पद को भी बाय-बाय बोल दिया है। भड़ास4मीडिया ने इस्तीफे के बारे में जानने के लिए एसएन विनोद से संपर्क किया तो उनका कहना था कि वे इस बारे में अभी कोई बात नहीं करेंगे। भविष्य की योजनाओं के बारे में उनका कहना था कि वे इस बारे में भी अगले सप्ताह तक कुछ कहने की स्थिति में आ सकेंगे। बताया जा रहा है कि एसएन विनोद के इस्तीफे से पूरा पत्रकार जगत सकते में है।
देशोन्नति ग्रुप से जुड़े सूत्रों के मुताबिक एसएन विनोद के इस्तीफे के पीछ वजह देशोन्नति ग्रुप के कर्ता-धर्ता प्रकाश पोहरे से विवाद है। ‘राष्ट्रप्रकाश’ का प्रोजेक्ट एसएन विनोद और प्रकाश पोहरे का ज्वाइंट वेंचर था। इस प्रोजेक्ट को लेकर शुरू में एसएन विनोद और प्रकाश पोहरे के बीच फिफ्टी-फिफ्टी की भागीदारी तय हुई थी। यह सहमति सिर्फ मौखिक हुई। लिखित में कुछ नहीं था। इसी मौखिक सहमति के आधार पर काम शुरू हुआ। एसएन विनोद को देशोन्नति ग्रुप का सीईओ और ग्रुप एडिटर बनाने के साथ राष्ट्रप्रकाश का चीफ एडिटर भी बना दिया गया। अखबार की लांचिंग के बाद अब जब इस ज्वाइंट वेंचर को लेकर हुई मौखिक सहमति को लिखत-पढ़त में उतारने की बारी आई तो दोनों के बीच विवाद पैदा हो गया। कई दौर की बातचीत के बावजूद जब विवाद सुलझता नहीं दिखा तो एसएन विनोद ने इस्तीफा सौंप कर खुद को अलग कर लिया। एसएन विनोद के साथ यह दूसरी बार हो रहा है जब उन्होंने ज्वाइंट वेंचर के जरिए किसी अखबार की परिकल्पना से लेकर टीम गठन और लांचिग तक किया हो और बाद में इस्तीफा देकर खुद को अलग कर लिया हो। प्रभात खबर की शुरुआत के वक्त भी उनके साथ ऐसी ही कुछ स्थितियां आईं थीं। सूत्रों का कहना है कि एसएन विनोद ने इस बार सबसे बड़ी चूक ज्वाइंट वेंचर से संबंधित नियम-शर्तों व सहमति को लिखत-पढ़त में न लाकर की। वे विश्वास के आधार पर आगे बढ़ते रहे। बाद में दोनों पक्षों में रिश्ते तल्ख होने लगे और असहमतियां बढ़ती गईं।