आम्रपाली जी, आपके पत्र को पूरा का पूरा प्रकाशित करा दिया है। मेरा बस इतना कहना है कि अगर कोई भी मामला पुलिस तक पहुंच जाता है और किसी की गिरफ्तारी होती है तो क्या यह हमारे-आपके लिए खबर नहीं बनती है? किसी फिल्म स्टार की बात हो या आम आदमी की, अगर उसके खिलाफ रिपोर्ट लिखाई जाती है, उसे पुलिस अरेस्ट करती है तो ऐसी खबरों को हम आप सभी दिखाते-छापते हैं। भड़ास4मीडिया चूंकि मीडिया केंद्रित वेबसाइट है इसलिए मीडिया में जो कुछ भी घटनाक्रम हो रहा है, उसे हम प्रकाशित करते हैं। हम लोग खुद यह कोशिश करते हैं कि हमारी किसी रिपोर्ट से किसी जेनुइन पत्रकार का अहित न हो। कभी कोई मामला गंभीर होता है तो कोशिश करते हैं कि दोनों पक्ष सामने आएं। हरिगोविंद के मामले की पहली खबर में जिस अंतिम हिस्से को आप छोटा बता रही हैं, दरअसल वह छोटा नहीं है। वह उतने ही फांट व साइज में है, जितने में उपर का हिस्सा है। केवल उसे अलग दिखने के लिए इटैलिक कर दिया गया है।
आप खुद एक पत्रकार हैं, इसलिए आपसे उम्मीद है कि आप मेरी बात को समझने की कोशिश करेंगी। मेरी जगह आप होतीं तो शायद आप भी यही करतीं। रही बात सनसनीखेज की तो यह खबर भी बाकी खबरों की तरह ही सामान्य तरीके से पब्लिश की गई है। हमने कहीं नहीं लिखा है कि ये ब्रेकिंग न्यूज है या बड़ी खबर है या सनसनीखेज खबर है। इस तरह के जुमलों से हम लोग बचते हैं क्योंकि मीडिया वालों ने इन जुमलों का इतना इस्तेमाल कर दिया है कि ये शब्द अपने असली अर्थ खो चुके हैं। दूसरी बात, भड़ास4मीडिया को मीडिया के लोग ही पढ़ते हैं इसलिए वे हर खबर को पढ़कर खुद समझ जाते हैं कि यह खबर कितनी बड़ी या छोटी है। हम लोगों को मीडिया के अपने साथियों के विवेक पर पूरा भरोसा है इसलिए हम कभी अपनी तरफ से उन्हें टीच या प्रीच नहीं करते। उन्हें नहीं बताते कि यह खबर ब्रेकिंग न्यूज है या सनसनीखेज खबर है। उम्मीद है आप मेरी बातों का बुरा नहीं मानेंगी। आपने जो कुछ लिखा, दिल व भावना से लिखा है। मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। आपकी इज्जत करता हूं।
आभार के साथ
यशवंत
एडिटर
भड़ास4मीडिया
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