पूरे झारखंड में पत्रकारिता को ब्लैकमेलिंग का हथियार बनाने वाले अमल जैन को अंततः जेल जाना पड़ा। पुलिस ने उसे बीते दिनों गिरफ्तार कर लिया और लोअर कोर्ट से जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद जेल भेज दिया। अमल कुमार जैन रांची से संचालित हो रहे पोद्दार ग्रुप के रीजनल न्यूज चैनल ‘365 दिन’ के सीईओ हैं। अमल जैन के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, नारनोलिया सिक्योरिटीज के सीएमडी कृष्णानंद नारनोलिया, विधायक विदेश सिंह, डीएसपी सरयू पासवान आदि को भी ब्लैकमेल करने की कोशिश की। रांची के लोवर बाजार थाने में रंगदारी व चारसौबीसी समेत करीब दर्जन भर मुकदमों में वांछित अमल के खिलाफ पुलिस भी अब सक्रिय हो उठी है।
पुलिस अमल के खिलाफ सभी आरोपों व मुकदमों को कंपाइल कर मजबूत चार्जशीट बनाने में जुटी हुई है। अमल से पीड़ित व परेशान लोगों ने कई महीनों से अमल के खिलाफ अभियान छेड़ रखा था। 365 दिन न्यूज चैनल में काम करने वाले व काम कर चुके कई कर्मियों ने भी अमल की करतूतों को देश भर में प्रचारित-प्रसारित करने का काम किया। इसके लिए इन लोगों ने एक ग्रुप बनाकर एक मेल आईडी [email protected] के जरिए अमल की करतूतों का पर्दाफाश किया। इस मेल आईडी से करीब-करीब हर एक दो दिन में एक बुलेटिन अमल जैन के खिलाफ सैकड़ों लोगों को भेजा जाता है। भड़ाफोड़ डॉट कॉम नाम का पोर्टल भी अमल जैन के खिलाफ बनाया गया, जिसके बारे में भड़ास4मीडिया में पिछले दिनों रिपोर्ट प्रकाशित हो चुकी है।
सूत्रों का कहना है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद पोद्दार ग्रुप के चेयरमैन अरुण पोद्दार अमल जैन को सीईओ पद पर बनाए हुए हैं। इसको लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। बताया जाता है कि अमल जैन ने गिरफ्तारी के पहले काफी नाटकीय घटनाक्रम को अंजाम दिया। नारनोलिया रंगदारी केस में वारंट जारी होने के बाद अमल जैन की गिरफ्तारी तय मानी जा रही थी। अमल कुछ दिनों के लिए फरार रहे। बीच-बीच में वे फोनो के जरिए चैनल पर अपनी उपस्थिति बनाए रहे। बाद में अमल जैन एक दिन अपने चैनल पर अचानक प्रकट हुए और लाइव प्रोग्राम में खुद के खिलाफ जान से मारने की साजिश रचे जाने की बात कही। इसके बाद अमल जैन अपने चैनल की टीम के साथ पुलिस आफिस पहुंचे और गिरफ्तारी देने का ऐलान किया। कई तरह के घटनाक्रमों व उतार-चढ़ाव के बाद अमल को पुलिस ने अगले दिन अरेस्ट कर लिया। हाईकोर्ट 4 अक्टूबर तक बंद होने के कारण अमल का उससे पहले जेल से बाहर आ पाना मुश्किल बताया जा रहा है। इस बीच, अमल से पीड़ित और परेशान लोगों ने सुबूतों के साथ पुलिस के सामने आने की शुरुआत कर दी है। अभी तक जो लोग अमल से डरते थे, वे अमल के जेल जाने के बाद मुखर हो गए हैं।