पचास साल पहले दूरदर्शन कितने रुपये में लांच हुआ था? चार लाख रुपये में। पचास साल पहले दूरदर्शन किस नाम से लांच हुआ था? आल इंडिया रेडियो के बैनर तले लांच हुआ था। बाद में इसका ब्रांड नेम ‘दूरदर्शन’ रखकर एआईआर से अलग किया गया। दूरदर्शन का ट्रेडमार्क सिगनेचर (लोगो बंपर) किसने बनाया था? उस्ताद अली अहमद हुसैन खान ने तैयार किया जिसमें बाद में पंडित रविशंकर का सितारवादन जोड़कर इसे परिष्कृत किया गया। ये सवाल-जवाब कइयों को नई जानकारी दे सकते हैं तो कई लोगों को यह पहले से पता होगा। पर यहां मकसद कोई क्विज नहीं बल्कि दूरदर्शन के पचास साला यात्रा पर कुछ वीडियो दिखाना है, जिसे देखकर आपकी दूरदर्शनी यादें ताजा हो जाएंगी।
उसके पहले कुछ चीजें और बताते चलें…राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 15 सितंबर 1959 को आल इंडिया रेडियो के प्रयोगात्मक टेलीविजन को विज्ञान भवन में लांच किया था। यह दक्षिण-पूर्वी एशिया में पहला प्रयास था। इस टीवी स्टेशन में चार कैमरे, 500 वाट का एक ट्रांसमीटर और अन्य सामान थे, जिसकी कुल कीमत चार लाख रुपये हुआ करती थी। यह सब आकाशवाणी भवन के पांचवे तल्ले के एक कमरे में सेट किया गया था। यहां से हफ्ते में दो बार 12 मील की परिधि के लिए कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता था।
अब आइए, दूरदर्शन के ट्रेडमार्क सिगनेचर को देखें…
दूरदर्शन की यात्रा में सिद्धार्थ काक की एंकरिंग वाला सुरभि नामक कार्यक्रम काफी लोकप्रिय हुआ। इस कार्यक्रम की शुरुआत कुछ इस तरह हुआ करती थी-