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दुख-दर्द

सड़क‍ हादसे में पी7 के कैमरामैन संतोष चौरसिया की मौत

कल की रात कानपुर के मीडिया कर्मियों के लिए एक काली रात थी, जिसे शायद हम कभी न भुला सकें. हम सभी अपने दफ्तरों में बैठे घर वापसी के लिए तैयारी कर रहे थे तभी रात तकरीबन 8:47 मिनट पर मेरे एक सहयोगी पत्रकार का फोन मेरे मोबाइल पर आया और आम तौर खबरों के लिए आने वाले फोन पर कल जो खबर आई उसने मुझे झकझोर कर रख दिया, क्यों कि इस फोन काल में हमारे बीच काम करने वाले एक नेशनल न्यूज़ चैनेल के कैमरा मैन की सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने की खबर आई.

<p style="text-align: justify;">कल की रात कानपुर के मीडिया कर्मियों के लिए एक काली रात थी, जिसे शायद हम कभी न भुला सकें. हम सभी अपने दफ्तरों में बैठे घर वापसी के लिए तैयारी कर रहे थे तभी रात तकरीबन 8:47 मिनट पर मेरे एक सहयोगी पत्रकार का फोन मेरे मोबाइल पर आया और आम तौर खबरों के लिए आने वाले फोन पर कल जो खबर आई उसने मुझे झकझोर कर रख दिया, क्यों कि इस फोन काल में हमारे बीच काम करने वाले एक नेशनल न्यूज़ चैनेल के कैमरा मैन की सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने की खबर आई.</p> <p style="text-align: justify;" />

कल की रात कानपुर के मीडिया कर्मियों के लिए एक काली रात थी, जिसे शायद हम कभी न भुला सकें. हम सभी अपने दफ्तरों में बैठे घर वापसी के लिए तैयारी कर रहे थे तभी रात तकरीबन 8:47 मिनट पर मेरे एक सहयोगी पत्रकार का फोन मेरे मोबाइल पर आया और आम तौर खबरों के लिए आने वाले फोन पर कल जो खबर आई उसने मुझे झकझोर कर रख दिया, क्यों कि इस फोन काल में हमारे बीच काम करने वाले एक नेशनल न्यूज़ चैनेल के कैमरा मैन की सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने की खबर आई.

पी7 न्‍यूज के कैमरामैन संतोष चौरसिया अपने साथियों के साथ किसी काम से जा रहे थे. इसी बीच पीछे से आ रहे एक ट्रक ने उनकी मोटरसाइकिल में जोरदार टक्‍कर मार दी, जिसके चलते संतोष गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके उनके साथ के लोगों ने संतोष के घायल होने की सूचना मीडियाकर्मियों समेत उनके परिजनों को दी. इसके बाद आनन-फानन में सभी मीडिया कर्मियों का घटना स्थल पर पहुंचना शुरू हुआ.

हम सभी इस उम्मीद में थे कि मौके पर पहुंचते ही हम उसे पास के अस्पताल में भर्ती करा लेंगे जिससे शायद उसको बचाया जा सके, लेकिन ये सड़क हादसा इतना गंभीर था कि हम लोगों के बीच सालों से काम करने वाले भाई संतोष चौरसिया को बचाया न जा सका. संतोष चौरसिया कानपुर के सभी इलेक्ट्रानिक मीडिया के कैमरामैनों में सबसे अधिक एक्टिव और सबसे तेज काम करने वाले कैमरा मैनों में शामिल था. पी7 न्‍यूज के रिपोर्टर सुमित अवस्थी के साथ बतौर कैमरा मैन काम कर रहा था.

कानपुर से योगेन्‍द्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट.

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0 Comments

  1. shivaa awasthi

    September 12, 2011 at 10:01 am

    behad dukhad, prabhu unki aatma ko shanti va parijano ko yah dukh sahne ki shakti de.

  2. कुमारसौवीर, लखनऊ

    September 12, 2011 at 10:01 am

    हे ईश्‍वर।
    मृत आत्‍मा की शांति और शोक-संतप्‍त परिजनों को यह महा-दुख सहने की ताकत दो।
    सजल श्रद्धांजलि

  3. ashish gaur unnao

    September 12, 2011 at 10:05 am

    sunker bada duk huva santoh ji ka is tareh chale jana.

  4. Rajeev

    September 12, 2011 at 11:53 am

    Santosh ke jaane ka dard hum sabhi ko hai..

  5. Rahul Kumar Thakur

    September 12, 2011 at 1:02 pm

    shocked news

  6. प्रवीण शुक्ल.

    September 12, 2011 at 2:35 pm

    बहुत ही दुखद खबर.. परमात्मा संतोष की आत्मा को शांति , और उसके घरवालो को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे …

  7. प्रवीण शुक्ल.

    September 12, 2011 at 3:58 pm

    बहुत ही दुखद खबर.. परमात्मा संतोष की आत्मा को शांति , और उसके घरवालो को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे….

  8. प्रवीण शुक्ल.

    September 12, 2011 at 3:59 pm

    बहुत ही दुखद खबर.. परमात्मा संतोष की आत्मा को शांति , और उसके घरवालो को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे….

  9. प्रवीण शुक्ल.

    September 12, 2011 at 5:52 pm

    बहुत ही दुखद खबर.. परमात्मा संतोष की आत्मा को शांति , और उसके घरवालो को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे….

  10. प्रवीण शुक्ल.

    September 12, 2011 at 5:53 pm

    बहुत ही दुखद खबर.. परमात्मा संतोष की आत्मा को शांति , और उसके घरवालो को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे

  11. abhay kumar singh

    September 13, 2011 at 10:52 am

    bhagban unki aatma ko shanti de

  12. arvind tripathi

    September 14, 2011 at 12:23 am

    संतोष का इस तरह से जाना अत्यंत दुखद है. वो सक्रिय और सक्षम कैमरामैन था. सुमित अवस्थी का दमदार सहयोगी था. उस्केना रह जाने पर साथी मीडियाकर्मियों की जिम्मेदारी बनती है कि उसके परिजनों की समस्याओं को कम करने में अधिकतम सहयोग करें. कानपुर प्रेस क्लब को भी प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक का भेद-भाव किये बिना मदद करनी चाहिए.

  13. deepak tamrakar mandla mp

    September 15, 2011 at 3:45 pm

    मृत आत्‍मा की शांति और शोक-संतप्‍त परिजनों को यह महा-दुख सहने की ताकत दो।
    सजल श्रद्धांजलि

  14. Anuj Kaushik

    September 19, 2011 at 11:06 am

    Ishwar kare kisi ke sath aesi ghatna na ho….

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