पटना में एक शर्मनाक घटना हुई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेंबर में दो सीनियर पत्रकार लड़ बैठे। ये दोनों पत्रकार हैं प्रकाश कुमार और कन्हैया बेलारी। प्रकाश ‘स्टार न्यूज’ पटना के ब्यूरो चीफ हैं। कन्हैया बेलारी ‘द वीक’ के प्रिंसिपल करेस्पांडेंट। मारपीट की वजह ‘दैनिक जागरण’ पटना के आज के अंक में छपी एक तस्वीर रही, जिसमें नीतीश कुमार और जार्ज फर्नांडिस के बीच ‘स्टार न्यूज’ के प्रकाश कुमार का चेहरा ब्लर कर दिया गया है।
बिहार के दो दिग्गज नेताओं के बीच खड़ा व्यक्ति कौन है, जिसके चेहरे की लीपापोती की गई है, इस बात की चर्चा भी सुबह से थी। पत्रकारों ने मारपीट की सूचना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दे दी है। मुख्यमंत्री ने इस पर चिंता जताई है। मारपीट की घटना दोपहर करीब दो बजे हुई। बिहार विधानसभा सत्र का आखिरी दिन था। प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार मुख्यमंत्री के साथ उनके चेंबर में थे। पत्रकारों को बाइट देने के बाद मुख्यमंत्री वहां से विधानसभा चले गए। पत्रकारों के बीच हल्की-फुल्की बातचीत हो रही थी। तभी ‘द वीक’ के कन्हैया बेलारी ने जदयू विधायक ज्ञानेंद्र ज्ञानू को बुलाया। इस बात पर वहां मौजूद दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ सुभाष पांडे ने चुटकी ली। बेलारी ने चिढ़कर कहा कि हम ऐसे लोगों में नहीं हैं, जिनकी तस्वीर छपने को जाए तो चेहरा छिपाना पड़े। स्टार न्यूज के प्रकाश कुमार भी वहीं मौजूद थे। बताया जाता है कि प्रकाश ने जवाब दिया कि कुछ लोग कमीने हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार, इस पर बेलारी गाली-गलौज करने लगे। तब प्रकाश ने सीएम चेंबर में रखे पिन बॉक्स को बेलारी पर दे मारा। हालांकि वहां मौजूद अन्य पत्रकारों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया।
इस मामले में प्रकाश ने बी4एम को बताया- ”अपने चेहरे को ब्लर किये जाने को लेकर मैं सुबह से ही परेशान था। मैं कोई अपराधी नहीं हूं कि मेरे साथ ऐसा किया जाए। जागरण चाहता तो फोटोशॉप से पूरी फोटो हटा सकता था। सिर्फ चेहरा पोतने की क्या जरूरत थी। इससे व्यक्तिगत खुन्नस का पता चलता है। दूसरे अखबारों, जिनमें ‘प्रभात खबर’ भी शामिल है, ने इसी तस्वीर को छापा है। हमारे कैमरे में भी प्रिंट के लोग आ जाते हैं, हम तो उन्हें नहीं काटते। प्रकाश ने कहा कि मैं एफआईआर करवाऊंगा। हम लोगों के लिए लड़ते हैं तो अपने लिए भी जरूर लड़ूंगा। मैं समीक्षा कर रहा हूं कि क्या किया जा सकता है।”
उधर, कन्हैया बेलारी जो पिछले 20 सालों से ‘द वीक’ से जुड़े हैं, ने बी4एम को बताया कि गाली-गलौज की शुरुआत पहले प्रकाश ने की। उन्होंने खुद के गाली-गलौज करने की बात को नकार दिया। इस घटना का कारण उन्होंने पिछले दिनों प्रेस क्लब ट्रस्ट भंग किए जाने संबंधी पुरानी खुन्नस बताया।
उल्लेखनीय है कि प्रेस क्लब को लेकर दैनिक जागरण के पत्रकारों से प्रकाश कुमार का झगड़ा हो चुका है। गत वर्ष पटना में प्रेस क्लब बनाने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री से हरी झंडी मिलते ही गांधी मैदान स्थित एक विशाल भवन उपलब्ध करा दिया गया। इस बीच टीवी पत्रकारों ने ट्रस्ट बनाकर उसमें आजतक के सुजीत झा, स्टार न्यूज के प्रकाश कुमार, इंडिया टीवी के नीतीश चंद्रा, प्रशांत झा आदि को शामिल कर लिया। इससे प्रिंट के पत्रकार नाराज हो गए थे क्योंकि ट्रस्ट में ज्यादातर न्यूज चैनलों के जर्नलिस्ट थे। न्यूज़वीक के कन्हैया बेलारी, जनसत्ता के गंगा प्रसाद, टाइम्स ऑफ इंडिया के अरुण कुमार और गायत्री शर्मा, दैनिक जागरण के सुभाष पांडे द्वारा पूरे मामले पर विरोध जताते हुए कहा गया कि प्रेस क्लब पर कुछ पत्रकारों का इस तरह हावी हो जाना उपयुक्त नहीं। प्रिंट वालों ने यह मसला मुख्यमंत्री के सामने भी रख दिया। ट्रस्ट को रद्द करा कर सोसायटी बनाना तय हुआ। यह टेलीविजन पत्रकारों को नागवार गुजरा था। इसी मुद्दे को लेकर पिछले महीने सोसायटी की बैठक में गालीगलौज भी हो गया था। कहा जा रहा है कि प्रेस क्लब वाली खुन्नस ही सीएम चेंबर में भड़क गई।