हाल ही में अमेरिका के एक एअरपोर्ट पर अपने शाहरुख़ खान, “द सुपर स्टार”, के साथ दो घंटों तक पूछताछ हो गई. इस घटना पर इस कदर हंगामा बरपा कि पूछो मत. कहा गया- भारतीयों की इज्ज़त से खिलवाड़ हो रहा है. और भी न जाने क्या क्या कहा गया. कई लोगों का कहना है- ये भारतीयों के साथ ज़्यादा होता है, मुसलमान के साथ ज़्यादा होता है, अमेरिका एक रेसिस्ट देश है, वहां नाम देख कर पूछताछ की जाती है, साथ ही कि ये हमारे मान की बात है, हमे भी अमेरिकिओं से इसी तरह पेश आना चाहिए… या रब, हद हो गई! हम ख़ुद कितने रेसिस्ट हैं, दोगले हैं, इसका एहसास ही नही है. ख़ुद हमारे यहाँ हर दाढ़ी वाले को शक की नज़र से देखा जाता है, ख़ुद हमारे यहाँ नॉर्थ ईस्टर्न लोगों को अपना नहीं समझा जाता, ख़ुद हमारे यहाँ विदेशी पर्यटकों को तंग किया जाता है, ख़ुद हमारे यहाँ बिहार के लोगों को नीचा दिखाने के लिए बिहारी शब्द का इस्तेमाल किया जाता है…
इतना हल्ला किसलिए क्यूँ कि वो शाहरुख़ खान है? न जाने कितने कश्मीरी नौजवानों के सर पर आतंकवादी का लेबल लगा कर मार दिया जाता है, न जाने कितने मुस्लमान नौजवानों को कॉलेज में एडमिशन के दौरान तिरछी नज़रों से देखा जाता है, न जाने कितने गरीब मासूम लोगों को माओवादी बताकर एनकाउंटर किया जाता है…तब कोई उफ़ भी नही करता, अपने देश में होता है तो सब चुप्पी साध लेते हैं और गैर मुल्क में हुआ तो हाय तौबा…क्यूँ? माना जो हुआ वो ग़लत हुआ लेकिन उससे ज़्यादा ग़लत तो पूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब के साथ हुआ…लेकिन तब न्यूज़ चैनल वाले ही चिलाये थे अभी आम इंसान को भी चिल्लाता देख रही हूँ…अरे ज़्यादा जोश में आने की ज़रूरत नही है..इनका कोई भरोसा नही कल को इमरान हाश्मी की तरह कह देंगे “मेरे साथ कोई बदसलूकी नही हुई,मेरे बयां को तोड़ मरोड़ के पेश किया गया था”
लेखिका फौजिया रियाज रेडियो जाकी हैं। फिलहाल वे ‘एफएम रेनबो’, दिल्ली के साथ जुड़ी हुई हैं। इससे पहले बैग नेटवर्क के ‘रेडियो धमाल’ में काम कर रहीं थीं। फौजिया से संपर्क करने के लिए [email protected] का सहारा ले सकते हैं।