यशवंत जी, आखिर आपने मुझे लिखने के लिए मजबूर कर दिया. भड़ास4मीडिया पर जिस सज्जन ने आरोप लगाया है कि इंडिया टुडे ग्रुप पैसे लेकर फर्जी सर्वे छापता है, वह यह बात साबित करें अन्यथा भड़ास4मीडिया पर वे माफ़ी मांगें क्योंकि मैं इस समूह में पिछले 3 वर्षों से विज्ञापन विभाग से जुड़ा हूं और दावे के साथ कह सकता हूं कि श्रीमान आरोपी के सारे आरोप गलत हैं. कृपया भड़ास4मीडिया पर बिना सिर पैर के आरोप न छापें या फिर आप साबित करें कि आप के आरोप सही हैं.
मान्यवर, या तो आरोप न लगायें और अगर आरोप लगायें तो उसे सही साबित करें क्योंकि आप किसी संस्था और उसकी पूरी टीम की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं. सस्ती लोकप्रियता से न आपको फायदा होगा और न भडास4मीडिया को. यशवंत जी, पिछले 14 वर्षों से मीडिया की रोटी खा रहा हूं. बस, इतना ही कहूंगा कि सबसे आसन काम है किसी बड़े ब्रांड को गाली दे देना. अगर हिम्मत है तो आर-पार की लड़ाई लड़िए. अगर मीडिया पब्लिक को बेवकूफ बना रहा है तो हम सब इसके लिए दोषी है. अपने आप से पूछिए कि आप कितने सच्चे हैं. दिवाली पर मां लक्ष्मी हम सबके मानसिक अंधकार को दूर करें.
अंत में हर हर महादेव.
आलोक पाठक
इंडिया टुडे
लखनऊ