चार महीने पूर्व नर्मदा के उत्तर तट पर कुछ समय बिताने के लिए आए प्रभाष जोशी की इच्छा यही थी कि जब वे प्राण त्यागें तो उनका अंतिम संस्कार इसी नर्मदा तट पर किया जाए। नर्मदा के प्रति प्रभाष जी का आत्मीय लगाव और असीम श्रद्धा थी। शनिवार को करीब 11 बजे नावघाटखेड़ी में उनका पार्थिव शरीर इंदौर से लाया गया। कुछ समय के लिए शरीर दर्शनार्थ रखे जाने के बाद प्रभाष जी को नर्मदा स्नान कराया गया। दिन में 12 बजे पार्थिव शरीर को पुत्र संदीप जोशी ने मुखाग्नि दी। इस प्रकार प्रभाष जी पंचतत्व में विलीन हो गए और इस दुनिया से उनकी देह भी हमेशा के लिए गायब हो गई।
अंतिम संस्कार के लिए नर्मदा तट पर लाए जाने से लेकर मुखाग्नि दिए जाने तक की तस्वीरें खंडवा से सदाकत पठान ने भेजी हैं। इसके लिए भड़ास4मीडिया उनका आभारी है।
कुछ चुनिंदा तस्वीरें इस प्रकार हैं-