भोपाल की पत्रकार श्रुति अनुराग ने राजधानी पत्रकार गृह निर्माण समिति के संचालक मंडल को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने अपने नाम एलाट जमीन को प्रतीक्षा सूची में पड़े किसी सबसे गरीब पत्रकार को देने की बात कही है, साथ ही संचालक मंडल के सदस्यों पास पहले से मौजूद जमीन-मकानों का उल्लेख करते हुए फिर से प्लाट लिए जाने पर आपत्ति जताई है। श्रुति ने उनसे ये प्लाट गरीब पत्रकारों को देने की भी अपील की है। पूरा पत्र इस प्रकार है-
प्रति,
संचालक मंडल
राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति
भोपाल
महोदय,
राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति में भोपाल के निम्न आय और मध्यम आय के श्रमजीवी पत्रकारों की अनदेखी कर उसमें आप लोगों ने जिस तरह बेटे-बेटियों, पत्नियों, भतीजों, भूमाफियाओं, अपने सरकारी अधिकारी मित्रों को भूखंड देने की कोशिश की है, वह ‘काबिल-ए-तारीफ’ है। यही वजह है कि हमारी संस्था के असल श्रमजीवी पत्रकार आपके विरोध में खड़े हो गए। संस्था के चुनाव में भले ही टेक्नीकली आपके पैनल के लोग जीत गए हों, लेकिन लोगों ने आपको किस डर से वोट दिये, ये आप भी जानते हैं। आपके सहयोगी साथी आपके खिलाफ खड़े हुये, यह आपकी सबसे बड़ी हार है। मुझे उम्मीद है आप अपनी गलती से सबक लेकर इस पत्रकारों की संस्था से फर्जी और गैर पत्रकारों को बाहर करने का साहस दिखायेंगे। हालांकि इसकी उम्मीद कम ही है।
वैसे भी आपमें से कुछ मेरे पिता तुल्य हैं, इसलिये मैं आपका बहुत सम्मान करती हूं और पूरे सम्मान के साथ मैं आपसे दो निवेदन करना चाहती हूं। एक तो मैं अपने आर्थिक पक्ष और कुछ आप लोगों के दोहरे मापदंड के कारण संस्था में जमीन नहीं ले सकती, अतः मेरे हिस्से का भूंखंड उस सबसे गरीब साथी को आवंटित करें जिसे आपने प्रतीक्षा सूची में डाल कर बेवकूफ बना रखा हो।
मेरा दूसरा निवेदन है कि आप में से एक अरूण कुमार भंडारी जी जिनका पंचवटी कालोनी में इतना आलीशान मकान है जैसा श्रमजीवी पत्रकार स्वप्न में भी कल्पना नहीं कर सकते। एन.के. सिंह जी जिनका भव्य बंगला रियायती दर की पत्रकार कालोनी में लिंक रोड नंबर-३ पर बना है, विजय दासजी का आलीशान करोड़ों का बंगला अरेरा कालोनी में है, वीरेन्द्र सिंहजी का चूना भट्टी में भव्य भवन है हमारी महिला साथी सुचांदना गुप्ता का भव्यतम मकान शहर की सबसे प्राइम लोकेशन रिवेरा में है जहाँ रहने की कल्पना भी भोपाल के पत्रकार नहीं कर सकते हैं। यह आप लोगों की वह संपदा है जो आपके पास नजर आती है, इसके अलावा पुश्तैनी और स्वयं के बूते कमाई संपत्ति भी होना लाजमी है, ऐसे में मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप लोगों को और जमीन की क्या आवश्यकता है अतः आप साथियों के बीच एक मिसाल पेश कर अपने अहम और जमीन की बंदरबांट की इस लड़ाई को बंद कर अपने-अपने प्लाट उन साथियों को देने का मार्ग प्रशस्त करें जो अरसे से यहाँ वहाँ किराये के मकानों में धक्के खा रहे हैं। आप लोग बड़े हैं, आप लोगों के पास इतनी जमीनें और मकान पहले से ही है फिर एक छोटे से भूखंड की क्या बिसात। यकीनन आप ऐसा करेंगे तो आपका कुछ नहीं बिगड़ेगा। आपकी शान में हम जैसे लोग कसीदे करते जरूर नजर आऐंगे। आपके इस प्रयास से कई छोटे पत्रकार साथियों की जिन्दगी संवर जाएगी।
मुझे उम्मीद है जमीन और साथियों में से आप साथियों को चुनना पसंद करेंगे क्योंकि जब भी आप यहां से विदा होंगे तो जमीन तो आपका साथ नहीं देगी, मित्रों का प्यार हमेशा आपके साथ रहेगा।
आपकी
श्रुति अनुराग
भोपाल