साधारण यात्रियों को पत्रकार बता कर रोडवेज से लगभग 20 हजार रुपए की ठगी करने वाले पंजाब रोडवेज जालंधर-1 के कंडक्टर को चौकी बस स्टैंड के हवाले किया गया है। कंडक्टर पिछले कई माह से इलेक्ट्रॉनिक टिक्टिंग मशीन (ईटीएम) को जरिया बना कर ठगी कर रहा था। पंजाब रोडवेज की तरफ से अपनी बसों में टिकट वितरण के लिए कंडक्टरों को ईटीएम प्रदान की गई है। ईटीएम में पत्रकारों को दी जाने वाली रियायती टिकट निकालने संबंधी साफ्टवेयर ही नहीं है। पत्रकारों को भी वही साधारण टिकट निकाल कर दे दी जाती है, जिस पर किराया लिखा रहता है। गुरदासपुर निवासी आरोपी कंडक्टर पवन सैनी ने ईटीएम में साफ्टवेयर न होने का ही फायदा उठाया।
कंडक्टर दिन भर होने वाली साधारण टिकटों की बिक्री में से कुछेक टिकटें मान्यता प्राप्त पत्रकारों के कोटे में डाल देता था। कंडक्टर को यह पता था कि पंजाब सरकार के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को बसों में किराया माफ है। पत्रकार बता कर निकाली गई टिकट को किसी अन्य यात्री को बेच दिया जाता था। डिपो में पहुंच कर कंडक्टर पत्रकारों के शिनाख्ती कार्ड का फर्जी नंबर बता कर एंट्री करता व पैसे खुद डकार जाता था। डिपो के जीएम आईएस चावला ने बताया कि रोडवेज प्रबंधन एक ही कंडक्टर की बस में निरंतर बढ़ रही पत्रकारों की संख्या को लेकर हैरान होने लगा। जब इस मामले की गहन जांच करवाई गई तो बिकी हुई टिकटों और यात्रियों की संख्या में भारी अंतर पाया गया। जांच में 20227 हजार रुपए की ठगी का खुलासा हो गया। जीएम ने पुलिस को शिकायत दी और आरोपी कंडक्टर को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। डायरेक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट कम एमडी पनबस मंदीप सिंह, आईएएस ने घोटाले की पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी कंडक्टर ठेके पर रखा गया था, जिसे सीधे नौकरी से ही निकाला जाएगा।