निर्मल पांडे बड़े कलाकार के साथ ही अच्छे इंसान भी थे। मुम्बई में बसने के बाद भी उन्हें अपनी माटी और कुमाऊं से बहुत लगाव था। यहां आने पर वह लोगों से बहुत सहजता और आत्मीयता से मिलते। हल्द्वानी में 2003 में दैनिक जागरण खुला तो वरिष्ठ पत्रकार शंभू दयाल वाजपेयी संपादकीय प्रभारी बने। उन्होंने यहां अपने चार साल के कार्यकाल में दैनिक जागरण के तीन दिवसीय स्थापना दिवस समारोह की परंपरा शुरू की।
निर्मल पाण्डे दो बार इस समारोह में आए। अपनी संवाद अदायगी से उन्होंने दोनों बार धूम मचा दी। हल्द्वानी आकर वह बहुत खुश होते कि इसी बहाने उन्हें अपने परिचितों और मित्रों से मिलने का मौका मिलता था। युवाओं में उनका जबर्दस्त जादू था। उनके साथ स्टेज पर डांस करने, फोटो खिचाने और आटोग्राफ लेने की होड़ मच जाती थी। हल्द्वानी में व्यापारी नेता डा. प्रमोद अग्रवाल गोल्डी और पत्रकार चन्द्रेक बिष्ट से वे जरूर मिलते थे।
हल्द्वानी से मेल के जरिए आई एक रिपोर्ट
Anie Honee
February 19, 2010 at 10:24 am
Niraml pandey bhaley hi desh washiyon ke liye kalakar ho par uttarakhand wasiyon ke liye to bedey bhai ki tarah hain
unke janne se uttarakhand ki adakari ka mumbai main chamak rha surya ast ho gya. bhagwan unki atma ko shanti de or unke pariwar ko is dukh ko shn krne ki sakti.
Anie Honee