भारत के दो हिंदी पत्रकार इन दिनों विदेश में हैं. हिंदुस्तान, लखनऊ के विशेष संवाददाता दयाशंकर शुक्ल सागर अमेरिका में डेरा डाले हैं तो वरिष्ठ पत्रकार अंचल सिन्हा उगांडा में. सागर को अमेरिका की जोन्स हापकिंस यूनिवर्सिटी ने बुलाया है. उन्हें टोबैको कंट्रोल लीडरशिप प्रोग्राम के लिए फेलोशिप मिली है.
अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान सागर ने क्या कुछ देखा, महसूसा, उन्होंने इसे लिख भेजा है. उधर, अंचल सिन्हा ने पत्रकारिता को गुडबाय बोलने के बाद अपने पूर्व पेशे बैंकिंग फील्ड में सक्रियता बढ़ा दी है. एक बैंक प्रोजेक्ट पर वे उगांडा में हैं. वहां उन्होंने जो कुछ देखा, महसूसा, उसे लिखकर भड़ास4मीडिया के पास भेजा है. इन दोनों हिंदी पत्रकारों के अनुभवों को ‘भड़ास4मीडिया’ के ‘विचार‘ पोर्टल पर प्रकाशित किया गया है. पढ़ने के लिए नीचे दिए गए शीर्षकों पर क्लिक करें-
bharat pal singh
July 19, 2010 at 8:32 pm
hindi patrikarita ke liye ye gauraw ki bat hai ki hidustani patrkar videshon men desh ka nam roshan kar rahe hen.
arun kumar chaubey
July 20, 2010 at 8:51 am
good news.