महिला आईपीएस अधिकारी द्वारा ‘अभी-अभी’ से जुड़े करीब दर्जन भर लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के मामले पर ‘अभी-अभी’ अखबार की तरफ से समूह संपादक अजय दीप लाठर ने अखबार का जो पक्ष भड़ास4मीडिया के पास भेजा है, उसे हम यहां हू-ब-हू प्रकाशित कर रहे हैं-
सच्चाई को दबाने की घिनौनी साजिश
सीबीआई से जांच कराए हरियाणा सरकार
सच की कसौटी पर खड़े हैं हम
रोहतक : जिस सच्चाई को अभी-अभी उजागर करने में लगा हुआ है, उसे दबाने के लिए व अपने बड़े अफसरों को बचाने के लिए मधुबन थाना पुलिस ने हरियाणा पुलिस अकादमी की एसपी की निराधार शिकायत पर अभी-अभी के मालिक, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, रिपोर्टरों व वितरकों पर झूठे मामले दर्ज किए हैं। जो मामले दर्ज किए गये हैं, वे सिर्फ और सिर्फ अपनी नाकामी को छिपाने के लिए व सच्चाई की आवाज को दबाने के लिए दर्ज किए गए हैं। पुलिस अफसर अपनी मनमानी पर आमादा हैं और अपने खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई न हो, इसलिए सरकार के सामने गलत व भ्रामक रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहे हैं। ऐसे में स्वच्छ छवि का दावा करने वाली हरियाणा सरकार को चाहिए कि पूरे मामले की निष्पक्ष एवं पारदर्शिता पूर्ण जांच के लिए वह सीबीआई से जांच कराए। दागी अफसरों की हिमायत करने की बजाय, अगर सीबीआई से जांच होती है तो हम इसमें सहयोग देने को तैयार हैं लेकिन मधुबन को अड्डा बनाने वाले आईपीएस अधिकारी हमें किसी भी सूरत में झुका नहीं पाएंगे। अभी-अभी का उद्देश्य हरियाणा पुलिस अकादमी की छवि धूमिल करने का न होकर सिर्फ और सिर्फ अकादमी परिसर को अपने एशो-आराम का ठिकाना बनाने वाले अफसरों की पोल खोलने का है। अगर, इन अफसरों के काले कारनामों का पर्दाफाश नहीं किया जाता तो आगे चलकर भी ये तानाशाह प्रवृत्ति के अधिकारी इसी तरह से शिक्षा व प्रशिक्षण के इस मंदिर को अपवित्र करते रहते। अभी-अभी अपनी लिखी हर खबर के लिए सच्चाई की कसौटी पर खरा खड़ा है। हम पुलिस की इस झूठी कवायद से डरने वाले नहीं हैं और आगे भी हम इस बारे में मिली हर सूचना को राज्य की जनता तक पहुंचाने का इरादा रखते हैं।
अभी-अभी द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के बाद बौखलाए पुलिस अफसरों के इशारे पर बुलंद आवाज को बंद करने का घिनौना प्रयास किया गया है। पहले ई-मेल पर धमकी दी गई लेकिन जब अभी-अभी ने इसका करारा जवाब दिया तो बुरी तरह से तिलमिलाए अफसरों ने अभी-अभी को दबाने के लिए व्यूह रचना शुरू कर दी है। मामला इतना बड़ा है कि प्रदेश के विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बना लिया और जब प्रदेश सरकार ही कठघरे में आने लगी तो आनन-फानन में झूठे मामले दर्ज कर दिए गए। जब प्रदेश में भ्रष्टाचार उजागर होने लगा और अभी-अभी ने एक मुहिम चलाने का निर्णय लिया तो बेनकाब हो रहे पुलिस अफसरों ने खुद को पाक-साफ दिखाने के लिए मामले दर्ज कर लिए। सच्चाई व सुबूतों के साथ चल रहे अभी-अभी के स्टाफ को आरोपी बना दिया गया जबकि जो कानून के रक्षक अब भक्षक बने हैं, वे मजे से अपनी चौधर चला रहे हैं। अगर कानून का मजाक उड़ाने वाले इन अफसरों को इसी तरह से संरक्षण मिलता रहा तो फिर हरियाणा के हालात कैसे होंगे, हरियाणा की कानून व्यवस्था कैसी होगी, यह सोच कर किसी की भी रुह कांप सकती है। अभी-अभी के पास इन अफसरों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जो वक्त आने पर माननीय अदालत के सामने रखकर इन अफसरों की काली करतूतों के बारे में बताया जाएगा।
दोनों आईपीएस अधिकारियों के इशारे पर अभी-अभी के फोन टेप करने की घिनौनी कोशिश भी जारी है जबकि हरियाणा सरकार को चाहिए कि इन अफसरों के सरकारी मोबाइल नंबरों के साथ-साथ प्राइवेट नंबरों के भी डिटेल निकलवाए और इनके फोन टेप करे, तो सच्चाई का खुलासा खुद ही हो जाएगा। पता चल जाएगा कि दोनों अफसरों ने किस हद तक मधुबन को अपना अड्डा बनया हुआ है। यह भी साफ हो जाएगा कि हरियाणा पुलिस की वर्दी डालने वाले व खुद को सच्चाई का पुजारी बताने वाले इन अफसरों की बातें केवल झूठ, झूठ और झूठ का पुलिस है।
अजयदीप लाठर
समूह संपादक
‘अभी-अभी’ हिंदी दैनिक