: श्रद्धांजलि सभा में वरिष्ठ पत्रकार राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ ने कहा : ‘‘राम शंकर अग्निहोत्री जी आत्मलोपी स्वभाव के थे। वे बिना चर्चा में आये काम करते रहे।’’ यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य श्री राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ का। श्री सूर्य विश्व संवाद केन्द्र, लखनऊ में श्री राम शंकर अग्निहोत्री जी की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बोल रहे थे।
उल्लेखनीय है कि श्री अग्निहोत्री का गत 7 जुलाई को निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे। श्री सूर्य ने कहा कि श्री अग्निहोत्री स्वयंसेवकों को हनुमान जी से प्रेरणा प्राप्त करने की बात करते थे। अग्निहोत्री जी ने स्वयंसेवकों को अपना कार्य बिना किसी लोभ के सम्पन्न करने का मार्गदर्शन किया था। सभा में अवध प्रान्त के बौद्विक प्रमुख श्री संजय जी ने कहा कि वे शान्त रहकर अपना काम करने में विश्वास रखते थे। उन्होंने राममंदिर आंदोलन में समाचारों को जनता के सामने लाने में प्रमुख भूमिका अदा की।
सीमा जागरण मंच के पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रमुख अशोक केड़िया ने कहा कि अग्निहोत्री जी राष्ट्रवादी पत्रकारिता के स्तम्भ थे। वे बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। धर्म जागरण मंच के क्षेत्र समन्वय प्रमुख श्री रामलखन जी ने कहा कि अग्निहोत्री जी एक पत्रकार होने के साथ साहित्यकार भी थे। उनकी कविता बात चलती है स्वयंसेवकों के बीच काफी लोकप्रिय रही।
सभा में लखनऊ जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के निदेशक श्री अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि अग्निहोत्री जी ने राष्ट्रवादी पत्रकारिता को एक नया आयाम दिया। प्रज्ञा प्रवाह के श्री राजेन्द्र मोहन सक्सेना ने कहा कि ऐसे व्यक्ति समाज के लिए प्रेरक होते हैं। सभा में अग्निहोत्री जी की स्मृति में दो मिनट का मौन भी रखा गया। सभा में विश्व संवाद केन्द्र के प्रभारी अमरनाथ जी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।