हमारा हीरो कालम में इस बार (एक सितंबर) अजीत अंजुम से होइए रू-ब-रू। न्यूज़ 24 चैनल के मैनेजिंग एडीटर अजीत अंजुम हमारे आप जैसे ही हैं। हमारे आप के बीच से ही हैं। बस, हमारे आप से अलग थोड़े से यूं हैं कि हम आप लड़ते भिड़ते जूझते थक हार जाते हैं, स्तब्ध हो जाते हैं, गुमसुम हो जाते हैं, पीछे हट जाते हैं, ठहर जाते हैं, ठिठक जाते हैं पर वो इन सब मानवीय कमजोरियों को समेटते सहेजते एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ जाते हैं।
इसी का नतीजा है कि बेगूसराय का एक देसज नौजवान बिना किसी गॉडफादर और बिना किसी जुगाड़ के मीडिया के ‘आपसी मारकाट’ वाले इस प्रोफेशन में सिर्फ और सिर्फ अपनी मेहनत और अपने काम की बदौलत आज उस उंचाई पर पहुंच गया है जहां जाने की लोग सिर्फ कल्पना भर कर पाते हैं। खुद को आक्रामक, एरोगेंट, बदजुबान बताने वाले हिंदी मीडिया के इस हीरो का बस एक ही सपना है- इस पेशे में उन पर कभी दलाल, बेईमान, दगाबाज और कामचोर होने का तोहमत न लगे।
एक जमाने में जूनियर लड़के लड़कियों की टीम के साथ सनसनी और पोलखोल जैसे धारधार कार्यक्रमों की नींव रखने वाले अजीत अंजुम को सबसे ज्यादा चिढ़ हिंदी मीडिया के हिप्पोक्रेटों से होती है। जो लोग महानता का चोला धारण कर कथनी और करनी में कई बित्ता का फासला बनाए रखते हैं, उन्हें अजीत अंजुम ढोंगी और पाखंडी करार देते हैं। वे ऐसे लोगों के नाम लेने में भी गुरेज नहीं करते और इनके खिलाफ किताब तक लिखने की योजना बनाए हैं ताकि इन चोलाधारियों की असली सूरत सामने लाई जा सके, ताकि मीडिया की कई अजानी जानकारियों को सामने लाया जा सके।
अपनी निजी जिंदगी से लेकर अपने संघर्षों, अपनी सफलताओं-असफलताओं के संस्मरणों को भड़ास4मीडिया से विस्तार से शेयर किया अजीत अंजुम ने। इसे आप एक सितंबर को इसी पोर्टल पर पढ़ सकेंगे।
अगर आपको भी अजीत अंजुम से कोई सवाल करना है तो उसे बेहिचक आप [email protected] पर मेल कर सकते हैं।