अगर आप भारत की तस्वीर बदलने का दावा करने वाले इंडिया टीवी के नियमित दर्शक है तो आपको कहानी पता होगी। मगर हम कहानी के पीछे की कहानी बताने जा रहे हैं। इधर-उधर से इंटरनेट के जरिए दृश्य डाउनलोड कर मनगढंत भूत प्रेतों से लेकर तालिबान, खासतौर पर नए तालिबानी कमांडर बैतुल्ला मसूद की नई-नई खबरें दिखाने वाला यह चैनल इन दिनों घुटनों के बल बैठ गया है। हुआ यह कि टीवी में गप गढ़ने वाले संपादक जी को अचानक सूझा कि जवान बैतुल्ला की शादी करवा दी जाए।
बैतुल्ला के शॉट यू-ट्यूब नामक वीडियो वेबसाइट पर बड़ी मात्रा में मौजूद हैं और कहने को तो यह भी कहा जाता है कि अगर यू-ट्यूब बंद हो जाए तो इंडिया टीवी भी बंद हो जाए। अब शादी के लिए एक मौलवी भी चाहिए था। इंटरनेट पर एक मौलवी का वीडियो खोजा गया और सब कुछ चिपका कर एक कार्यक्रम जोर शोर से घोषित कर दिया गया कि इंडिया टीवी का एक्सक्लूसिव – देखिए बैतुल्ला की शादी।
इंडिया टीवी वैसे भी समझदार पत्रकारों का चैनल नहीं माना जाता। वहां जिसने मौलवी साहब को डाउनलोड किया था, वह अब खुद अपलोड होने के मूड में है। वजह यह है कि मौलवी साहब कोई तालिबानी मौलवी नहीं हैं बल्कि दवूदी बोह्रा समुदाय के एक बहुत आदरणीय धर्म गुरु हैं जिन्होंने दुनिया के कई देशों में, दिल्ली सहित बोह्रा मंदिर बनवाए हैं। पहले तो मुंबई के बोह्रा समाज ने ई मेल भेजा, फोन किए और कहा कि हमारे मौलवी साहब को तालिबानी वीडियो से हटाइए। फिर भी इंडिया टीवी की विनोद भावना थी कि यह एक्सक्लूसिव लगातार चलता रहा। शांत बोह्रा नेता इंडिया टीवी के मुंबई ऑफिस में विरोध दर्ज करवाने पहुंचे। उसके बाद भी यह बुलेटिन चल रहा था।
बोह्रा समुदाय के लोग बहुत रईस हैं। भाई लोगों ने दो बड़े जहाज चार्टर किए और सुबह पांच बजे इंडिया टीवी के नोएडा कार्यालय के सामने हंगामा खड़ा हो गया। अभी-अभी टकले सिर पर बाल उगा कर प्रकट हुए चैनल के मालिक और संपादक रजत शर्मा और उनके साथ काम करने वाले विनोद प्रिय पत्रकार हाथ जोड़ कर माफी मांगने लगे।
इसके बाद टीवी के पर्दे पर माफी का सिलसिला शुरू हुआ जो यह लिखे जाने तक चल रहा है। माफी भी ऐसी वैसी नहीं, खुद महान पत्रकार रजत शर्मा ने इसकी कॉपी लिखी। टीवी पर आठ मिनट तक लगातार चलने वाला यह एक ऐतिहासिक माफीनामा है। इसमें बोह्रा धर्म को शांति का प्रतीक बताया गया है और यह भी कहा गया है कि इस धर्म का तो पूरी दुनिया को सम्मान करना चाहिए। बोह्रा धर्म की तस्वीर बदली हो या न बदली हो, रजत शर्मा की बहादुरी की पोल खुल गई है और इंडिया टीवी की तस्वीर वाकई बदल गई है। इस सत्यकथा का सच्चा संदेश यह है कि आप सब लोगों को सब समय बेवकूफ नहीं बना सकते। वैसे यह जाहिर है कि अपने देश में बेवकूफी की टीआरपी बहुत है।