मैं बताता हूं, शशिजी के साथ काम करने का मतलब क्या है। जैसे मुगलों के हरम में हिजड़े, बहरे, बेज़ुबान लोग सेवा-टहल के लिये रखे जाते थे, शशिशेखर को ऐसे ही सेवक संपादकीय से लेकर ब्यूरो तक चाहिये होता है। शशिजी को पत्रकार नहीं, गाली सुनते हुए, दुम हिलाते सेवक रूपी कुत्ते ज्यादा सुहाते हैं। बिल्कुल यसमैन! न इफ, न बट, एकदम जट! जिसने भी खुद्दारी दिखाई या दिखाने की जरा भी कोशिश की, उसकी खैर नहीं। वो बाहर। भड़ास4मीडिया पर शशि शेखर की तारीफ में काफी कुछ पढ़ चुका हूं। उनका इंटरव्यू पढ़ चुका हूं। कई लोगों का लेख पढ़ा। अभी एक पत्रकार का लेख पढ़ रहा था जिन्होंने शशि शेखर की तारीफ की है, साथ ही यह भी कहा है कि उन्होंने उनके साथ काम नहीं किया है। पर मैंने तो शशि शेखर जी के साथ काम किया है। हिंदुस्तान के बहुत सारे ‘रणबांकुरे’ इस समय नौकरी के लिए हाथ-पांव जोरों पर मार रहे हैं। शशि शेखर मां-बहन से ही साथियों को नवाजते हैं। ठीक जागरण लखनऊ वाले विनोद भैया की तरह। शशि शेखर किसी भी साथी को सार्वजनिक रूप से बेइज्जत करने में सेकेंड नहीं लगाते हैं…
वे तुरंत कह देते हैं… ‘अरे यार तुमने तो इस खबर की ……… दी। ………..तुम्हें पत्रकार किसने बनाया।’ सत्ता के मद में मस्त शशि शेखर तब भूल जाया करते हैं कि वहां महिला साथी भी हुआ करती थीं। भड़ास4मीडिया पर एक लेख में लिखा गया है, ‘मंदी के दौर में अमर उजाला का कोई पत्रकार बेरोजगार नहीं हुआ, इसका श्रेय शशि शेखर जी को जाता है।’ मुझे यह आपकी जानकारी में लाना जरूरी है कि मेरे जैसे दर्जनों पत्रकार मंदी में ही अमर उजाला से हटाये गये और इसका श्रेय शशि शेखर को जाता है। सवाल है कि क्या शशि शेखर को ‘पहाड़ की सफाई’ के लिये हिंदुस्तान में लाया गया है, इसका उत्तर 4 सितंबर के बाद से मिलना शुरू हो जाएगा। ‘भड़ास4मीडिया’ यदि हिंदुस्तान के सभी संस्करणों के पहाड़ी पत्रकारों की सूची निकाले तो यह सबसे हॉट, एकदम झक्कास आइटम होगा।
शशि शेखर कितने क़ाबिल संपादक हैं, कितने बड़े लिक्खाड़ हैं, किस स्तर के पत्रकार हैं, सबको पता है। हिंदी मीडिया का दुर्भाग्य है कि हर आदमी अपने को तुर्रम खां समझता है। संपादक कुर्सी पर बैठने से पहले ही अमचे-चमचे चक्कर काटने लगते हैं। सर्वश्रेष्ठ संपादक का खिताबी अभियान बंद करें भाइयों! भोजपुरी में एक कहावत है- ‘बड़-बड़ घोड़ा बहल जाए, गदहा पूछे केतना पानी।’
लेखक अनिल पांडे पत्रकार हैं। उनसे संपर्क [email protected] के जरिए किया जा सकता है।