हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष अशोक चक्रधर आजकल दुखी हैं. पुरस्कारों पर मचे विवाद और किचकिच के चलते उन्हें सफाई देने को सामने आना पड़ा. हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष अशोक चक्रधर ने कहा कि अकादमी ने कभी आधिकारिक तौर पर कृष्ण बलदेव वैद को शलाका सम्मान देने या नहीं देने की बात नहीं कही। किसी सम्मान को प्रदान करने की एक प्रक्रिया होती है और इसे पूरा किए बिना वैद का नाम उछालकर उनका अपमान कौन कर रहा है, यह सबके सामने है।
उन्होंने कहा, अभी तक केवल केदारनाथ सिंह, पुरुषोत्तम अग्रवाल और विमल कुमार के ही पुरस्कार नहीं लेने संबंधी पत्र हिंदी अकादमी को मिले हैं। अकादमी साहित्यकारों को सम्मानित करके रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना चाहती है लेकिन इस प्रकार की गतिविधियों से साहित्य और उसके प्रशंसकों का नुकसान होता है। उन्होंने कहा, मुझे सबसे ज्यादा अफसोस केदारनाथ सिंह के शलाका सम्मान नकारने का हुआ, क्योंकि उनके कहने पर ही महाश्वेता देवी को मुख्य अतिथि बनाने और शलाका सम्मान की अलग से घोषणा की गई थी।