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अमर उजाला, बरेली के दो पत्रकार आपस में भिड़े

: मामला मालिकों तक पहुंचा : अमर उजाला, बरेली में तनाव का माहौल है. आपसी उठापटक से यहां का वातावरण बिगड़ गया है. मामला सीनियर सब एडिटर सीपी सिंह और सब एडिटर रमेश ठाकुर के बीच टकराव का है. इसकी शिकायत नोएडा कॉरपोरेट ऑफिस में सीनियरों से भी जा चुकी है. अब गेंद मैनेजमेंट के पाले में है. बताया जा रहा है कि अमर उजाला, बरेली के सब एडिटर रमेश ठाकुर और कमल बरेली के इन्‍द्रा नगर में अनिल कुमार गुप्‍ता के मकान में किरायेदार थे. रमेश देर रात कार्यालय से घर आते थे. मकान मालिक अनिल को इससे परेशानी होती थी. अनिल ने रमेश ठाकुर से मकान खाली करने के लिए कहा. रमेश ने मकान खाली करने के लिए कुछ समय की मांग की.  मकान मालिक के कुछ लोग रमेश के पास पहुंचे तथा उन पर मकान खाली करने के लिए दबाव बनाने लगे. आरोप है कि इस दौरान कुछ लोगों ने रमेश ठाकुर से बदतमीजी भी की.

<p style="text-align: justify;">: <strong>मामला मालिकों तक पहुंचा</strong> : अमर उजाला, बरेली में तनाव का माहौल है. आपसी उठापटक से यहां का वातावरण बिगड़ गया है. मामला सीनियर सब एडिटर सीपी सिंह और सब एडिटर रमेश ठाकुर के बीच टकराव का है. इसकी शिकायत नोएडा कॉरपोरेट ऑफिस में सीनियरों से भी जा चुकी है. अब गेंद मैनेजमेंट के पाले में है. बताया जा रहा है कि अमर उजाला, बरेली के सब एडिटर रमेश ठाकुर और कमल बरेली के इन्‍द्रा नगर में अनिल कुमार गुप्‍ता के मकान में किरायेदार थे. रमेश देर रात कार्यालय से घर आते थे. मकान मालिक अनिल को इससे परेशानी होती थी. अनिल ने रमेश ठाकुर से मकान खाली करने के लिए कहा. रमेश ने मकान खाली करने के लिए कुछ समय की मांग की.  मकान मालिक के कुछ लोग रमेश के पास पहुंचे तथा उन पर मकान खाली करने के लिए दबाव बनाने लगे. आरोप है कि इस दौरान कुछ लोगों ने रमेश ठाकुर से बदतमीजी भी की.</p>

: मामला मालिकों तक पहुंचा : अमर उजाला, बरेली में तनाव का माहौल है. आपसी उठापटक से यहां का वातावरण बिगड़ गया है. मामला सीनियर सब एडिटर सीपी सिंह और सब एडिटर रमेश ठाकुर के बीच टकराव का है. इसकी शिकायत नोएडा कॉरपोरेट ऑफिस में सीनियरों से भी जा चुकी है. अब गेंद मैनेजमेंट के पाले में है. बताया जा रहा है कि अमर उजाला, बरेली के सब एडिटर रमेश ठाकुर और कमल बरेली के इन्‍द्रा नगर में अनिल कुमार गुप्‍ता के मकान में किरायेदार थे. रमेश देर रात कार्यालय से घर आते थे. मकान मालिक अनिल को इससे परेशानी होती थी. अनिल ने रमेश ठाकुर से मकान खाली करने के लिए कहा. रमेश ने मकान खाली करने के लिए कुछ समय की मांग की.  मकान मालिक के कुछ लोग रमेश के पास पहुंचे तथा उन पर मकान खाली करने के लिए दबाव बनाने लगे. आरोप है कि इस दौरान कुछ लोगों ने रमेश ठाकुर से बदतमीजी भी की.

रमेश ने इसकी शिकायत पुलिस में की. इसके बाद दोनों पक्षों को प्रेमनगर थाने बुलाया गया. थाने में समझौता हो गया. रमेश ने एक सप्‍ताह में मकान खाली करने की बात कही. लेकिन मामला तब बिगड़ गया जब मकान मालिक ने एक तहरीर देकर रमेश ठाकुर पर मकान कब्‍जा करने का आरोप लगाया. तहरीर दिलाने के मामले में अमर उजाला के सीनियर रिपोर्टर और क्राइम बीट देखने वाले सीपी सिंह का भी नाम आया. पूरा प्रकरण संपादक तक पहुंचा. इस मामले में किसी के खिलाफ कोई एक्‍शन नहीं लिया गया. अब रमेश ठाकुर ने पूरे मामले की शिकायत नोएडा में प्रबंधन से की है. उन्‍होंने अजय उपाध्‍याय, यशवंत व्‍यास, डीपी अवस्‍थी और राजुल माहेश्‍वरी के सामने अपना पक्ष रखा.

भड़ास4मीडिया ने इस बारे में रमेश ठाकुर से बात की तो उन्होंने बताया, ”मकान मालिक ने हमें एक महीने की मोहलत दी थी. अचानक तीन दिन बाद ही उसके कुछ लोग हमारे कमरे पर आए और हमें धमकाने लगे. गालियां देने लगे. मारपीट करने की भी कोशिश की. इसके बाद मैंने मोबाइल से इसकी शिकायत थाने पर की. पुलिस आई और सबको पकड़कर ले गई. इसकी जानकारी मैंने क्राइम बीट देखने वाले सीपी सिंह को भी दी. हमको और मकान मालिक को थाने बुलाया गया. वहां मामला सलट गया. लेकिन सीपी सिंह ने बीच में पड़कर इस मामले को उलझा दिया. उन्‍होंने मकान मालिक को डरा धमकाकर मेरे पर आरोप लगवाया कि मैं मकान कब्‍जाने की कोशिश कर रहा हूं. वो काफी समय से क्राइम बीट देख रहे हैं तो उनकी पुलिस में अच्‍छी पहचान है. उन्‍होंने मेरी शिकायत संपादक से भी की. उनकी समस्‍या यह थी कि वे अपने जूनियरों से बतमीजी से बात करते थे. मैंने इसका विरोध किया और इसकी शिकायत संपादक से की थी. इसी को लेकर वे मुझसे नाराज थे. बदला लेना चाहते थे. उन्‍होंने धमकी भी दी है कि अखबार से तो निकलवा ही दूंगा. बरेली आओगे तो औकात भी बता दूंगा. मैंने इसकी शिकायत अमर उजाला, नोएडा में की है. मैंने वरिष्‍ठ लोगों को पूरी बात से अवगत करा दिया है.”

इस संदर्भ में सीपी सिंह से भी बात की गई. सीपी सिंह ने कहा, ‘ऐसी कोई बात नहीं थी. मैं पिछले पन्‍द्रह सालों से पत्रकारिता में हूं. मुझ पर कोई आरोप अब तक नहीं लगा है. मैंने तो मकान मालिक से हाथ-पैर जोड़कर पुलिस केस नहीं करने की बात कही थी. रमेश खुद अनिल गुप्‍ता का मकान कब्‍जा करना चाहता था. उसने पुलिस पर दबाव बनाया. मैंने तो मकान मालिक को ही केस ना करने के लिए हाथ-पैर जोड़ा. मैंने कहा कि संस्‍थान की बदनामी नहीं होनी चाहिए.’

भड़ास4मीडिया ने मकान मालिक अनिल गुप्‍ता से भी बात की. अनिल गुप्‍ता ने कहा‍, ‘किरायेदारी को लेकर समस्‍या थी. रमेश ठाकुर मेरे यहां किराये पर रहते थे. मैं किसी सीपी सिंह को नहीं जानता. मैं इस दौरान काफी तनाव में रहा. मामला सुलझ गया है. अब मैं किसी परेशानी में पड़ना नहीं चाहता. मैं कुछ नहीं कहना चाहता.’

अभी इस मामले में मैनेजमेंट की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया है. दोनों पक्षों ने अपनी अपनी बात प्रबंधन के सामने रख दी है. दोनों तरफ से एक दूसरे पर आरोप लगाए गए हैं. निजी बातों को भी प्रबंधन के सामने रखा गया है. अब देखने वाली बात होगी कि इस विवाद को प्रबंधन कैसे सुलझाता है.

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0 Comments

  1. reporter

    August 22, 2010 at 9:07 am

    yashwant ji aapko bhadhai…bhasdas ki publicity say naaraj hindi hindustan lucknow edition mein reporting section dk net conection band kar diya gaya hai.. management ki shikayat hai ki reporter net ka istamal bhadas aur facebook dnkhnay kay kiya karte hai…kaval naveen joshi kay chaaoloso ko net connection diya gaya hai…

  2. ABC

    August 23, 2010 at 3:09 am

    Bhai Sabhi Akhbar ka yehi haal hai. Main bhi desh ke ek bade media group me hun. Mujhe to do saal bad aaj tak intranet ka ID bhi nahin mila hai.

  3. sharad

    August 23, 2010 at 3:14 pm

    main ramesh ke sath kam kar chuka hu aur itana to kah hi sakta hu ki ramesh makan kabza karane ke bare me soch nahi sakate…..wo nihayat hi sidhe sade aur kam par dhyan dene wale insan hain.

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