पत्रकारिता की डिग्री बेचकर जताया विरोध : लोगों से फर्जी डिग्री लेने से बचने की अपील : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के छात्र अपनी मांग को लेकर फिर से सड़क पर उतरे। रविवार को बीए इन मीडिया स्टडीज की प्रवेश परीक्षा कराए जाने पर छात्रों ने विरोध जताया। छात्रों ने प्रतीकात्मक तरीके से विश्वविद्यालय में और कटरा चौराहे तक जुलूस निकालकर फर्जी डिग्री बेचते हुए प्रदर्शन किया। छात्रों ने सवाल उठाया कि जो डिग्री यूजीसी द्वारा मान्य नहीं और जिस डिग्री पर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक के हस्ताक्षर नहीं, विश्वविद्यालय में वो किस अधिकार से बांटी जा रही है। छात्रों ने इस दौरान पीस जोन के सामने बैठकर भी विरोध जताया। हांथों में ‘विवि में खुल गयी डिग्री की दुकान’, ‘एक डिग्री लेने पर अचार का डिप्लोमा फ्री’, ‘पहले आओ, पहले पाओ’ ‘पैसा दो डिग्री लो’ जैसी नारे लिखीं तिख्तयां लिए छात्रों ने प्रदर्शन किया।
विश्वविद्यालय मार्ग और कटरा चौराहे पर लोगों को विश्वविद्यालय में चल रहे फर्जी डिग्री के गोरखधन्धे से अवगत कराया। इस दौरान स्थानीय लोगों का कहना था कि आप लोगों का आन्दोलन सही है और विश्वविद्यालय में चल रहे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश होना ही चाहिए। लोगों ने कहा कि छात्रों के इस आन्दोलन में वे पूरी तरह साथ हैं।
गौरतलब है कि पत्रकारिता विभाग के छात्र अपने विभाग के समानान्तर शुरू किये गये स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम और शिक्षा के निजीकरण के विरोध में पिछले 32 दिनों से आंदोलनरत हैं। इस सिलसिले में छात्र दिल्ली तक हो आये हैं लेकिन फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन इस बारे में मौन धारण किए हुए है। ‘सवाल पूछते रहो’ अभियान के तहत आज विभाग के छात्र दिलीप केसरवानी ने पूछा है कि पिछले दस सालों में विश्वविद्यालय द्वारा प्रत्येक छात्र से डेलीगेसी शुल्क के रूप में लिए जाने वाले 20 रुपये किस मद में खर्च किये गये हैं, साथ ही उन्होंने यह भी पूछा है कि बिना कार्यकारिणी परिषद से पास हुए वे कौन-कौन से नये कोर्स हैं, जिन्हे कुलपति ने अपने विवेक के आधार पर चलाने की अनुमति दी है।