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अमर उजाला में ‘चुनावी एडवरटोरियल’ नहीं छपेगा

अमर उजाला Logoचुनाव में पैसे लेकर खबर न छापने का निर्णय करने के लिए अमर उजाला प्रबंधन को बधाई। नोएडा में हुई उच्चस्तरीय बैठक में प्रबंधन ने तय किया है कि अखबार की साख के साथ किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा। चुनाव की खबरें निष्पक्ष और विश्लेषणात्मक रूप में प्रकाशित की जाएंगी। ये खबरें बिना किसी दबाव या प्रलोभन के कवर की जाएंगी। ज्ञात हो, पिछले कई चुनावों से ‘चुनावी एडवरटोरियल’ के जरिए रेवेन्यू बनाने की प्रवृत्ति मीडिया हाउसों में बढ़ती जा रही है। इस ट्रेंड पर लगाम लगाने की दिशा में अमर उजाला प्रबंधन ने साहसिक और ऐतिहासिक फैसला किया है।

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अमर उजाला Logoचुनाव में पैसे लेकर खबर न छापने का निर्णय करने के लिए अमर उजाला प्रबंधन को बधाई। नोएडा में हुई उच्चस्तरीय बैठक में प्रबंधन ने तय किया है कि अखबार की साख के साथ किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा। चुनाव की खबरें निष्पक्ष और विश्लेषणात्मक रूप में प्रकाशित की जाएंगी। ये खबरें बिना किसी दबाव या प्रलोभन के कवर की जाएंगी। ज्ञात हो, पिछले कई चुनावों से ‘चुनावी एडवरटोरियल’ के जरिए रेवेन्यू बनाने की प्रवृत्ति मीडिया हाउसों में बढ़ती जा रही है। इस ट्रेंड पर लगाम लगाने की दिशा में अमर उजाला प्रबंधन ने साहसिक और ऐतिहासिक फैसला किया है।

इस मामले में सबसे आगे रहा है प्रख्यात पत्रकार हरिवंश के नेतृत्व में प्रकाशित होने वाला बिहार-झारखंड का प्रमुख अखबार प्रभात खबर। प्रभात खबर हर चुनाव के दौरान चुनावी कवरेज की गाइडलाइन को अखबार में प्रकाशित करता है। साथ ही खबरों की धंधेबाजी के खिलाफ पाठकों को जागरूक भी करता है। कंटेंट पर पाठकों के भरोसे को कायम रखने के लिए और चुनाव के दौरान जनता तक सही तस्वीर पहुंचाकर मीडिया के दायित्व का निर्वाह करने के लिए अब अमर उजाला ने भी कमर कस लिया है।

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्रुप प्रेसीडेंट (न्यूज) शशिशेखर ने प्रबंधन के निर्णय की जानकारी अमर उजाला समूह के सभी स्थानीय संपादकों को आंतरिक मेल के जरिए दे दी है। इस मेल में कहा गया है कि चुनावी एडवरटोरियल किसी भी तरह से प्रकाशित नहीं किया जाएगा। किसी भी चुनावी सभा को सिर्फ भाषण और तस्वीर के तौर पर नहीं देखा जाएगा और न ही विज्ञापन के आधार पर तौला जाएगा। मेल में आगे कहा है- ‘चुनाव हमारी साख और योग्यता की परीक्षा है। हमारा ध्येय होना चाहिए कि हम वही लिखें जो हम खुद देखें और महसूस करें, जो सच्चाई और शशिशेखरवस्तुस्थिति के सबसे करीब हो।’ सूत्रों ने बताया कि शशिशेखर ने सभी स्थानीय संपादकों से चुनावी कवरेज पर खुद नजर रखने के निर्देश दिए हैं ताकि निचले स्तर पर कोई गड़बड़ी न हो सके। ऐसे समय में जब सभी जगह चुनाव को कमाई का सीजन बनाने की तैयारी चल रही है, अमर उजाला का यह फैसला काबिल-ए-तारीफ है।

भड़ास4मीडिया ने पिछले दिनों खबर प्रकाशित की थी कि कई बड़े अखबारों ने विज्ञप्ति, इंटरव्यू और चुनावी खबरें प्रकाशित करने के लिए नेताओं से डील करने के लिए ब्यूरो चीफों और रिपोर्टरों को निर्देश दिया है। साथ ही हर ब्यूरो के लिए टारगेट फिक्स कर दिया है। इस प्रवृत्ति के खिलाफ और करोड़ों रुपये के मोह को ठुकराकर अमर उजाला प्रबंधन ने पत्रकारीय मानदंडों के आधार पर चुनाव कवर करने का जो फैसला किया है, उससे उम्मीद बंधती है कि आने वाले दिनों में अन्य अखबार भी इस रास्ते का अनुकरण कर कंटेंट की गरिमा और पवित्रता को कायम रखने की गारंटी करेंगे। भड़ास4मीडिया चौथे खंभे की पवित्रता बरकरार रखने की दिशा में बढ़ाए गए किसी भी मीडिया हाउस के कदम का न सिर्फ स्वागत करेगा बल्कि इस प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए प्रयास भी करेगा।

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