प्रसार भारती और दूरदर्शन द्वारा बैग (बीएजी) फिल्म्स को काली सूची में डालने का मुद्दा हाईकोर्ट पहुंच गया है। अनुराधा प्रसाद की कंपनी बैग फिल्म्स की तरफ से दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रसार भारती और दूरदर्शन को नोटिस भेजकर पूछा है कि किस सेक्शन या नियम के तहत ऐसी कार्रवाई की गई है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 23 नवंबर तय की है लेकिन दूरदर्शन और प्रसार भारती से दो हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। ज्ञात हो कि इसी साल अप्रैल में कई प्रोडक्शन हाउसों समेत कुल 13 कंपनियों को प्रसार भारती ने दो साल के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया। ऐसा दूरदर्शन के शार्ट टर्म एक्वीजीशन स्कीम के तहत मंगाई गई प्रविष्टियों में खाली या रिपीट टेप होने के कारण किया गया।
याचिका में बैग फिल्म्स की तरफ से कहा गया है कि प्रसार भारती ने बिना कोई कारण बताए मनमाने तरीके से एक्शन लिया है। बैग फिल्म्स के मुताबिक 15 दिसंबर 2006 को दूरदर्शन द्वारा दो कार्यक्रमों ‘दिल ने दिल से कहा’ और ‘ये वादा रहा’ के लिए जो बिड मंगाई गई थी, उसमें बैग फिल्म्स भी शामिल हुआ और कुल 52 टेप भेजे। जैसे ही पता चला कि दो टेप खाली हैं तो तुरंत दूरदर्शन को इस बारे में सूचित किया गया। पर दूरदर्शन ने 27 जून 2007 को बैग फिल्म्स को एक पत्र भेजकर ब्लैंक टेप भेजने का कारण पूछा। बैग फिल्म्स ने फिर से पत्र भेजकर डीडी को सूचित किया कि इस बारे में पहले ही लिखित जानकारी दे दी गई है। बैग फिल्म्स ने डीडी से अपने 16 साल पुराने रिश्ते का हवाला देते हुए इस मामले को तूल न देने का अनुरोध किया। पर दूरदर्शन नहीं माना और इस साल 16 अप्रैल से दो वर्षों के लिए बैग फिल्म्स को काली सूची में डाल लिया। बैग फिल्म्स के अलावा जिन अन्य कंपनियों को काली सूची में डाला गया है, उनके नाम हैं- टचस्टोन कम्युनिकेशंस, रेनबो फिल्म्स, मैट्रिक्स इंटरटेनमेंट, मैजिक वर्क्स, वैष्णु फिल्म्स, तिरुपति प्रोडक्शन्स, श्रे मीडिया इंटरटेनमेंट्स, मोंटेज फिल्म्स, एस्ट्रा प्रोडक्शन्स, सैफ इंटरटेनमेंट, मेघना यू मेटिक विजन और बजाज एनिमेशन केंद्र।