तनख्वाह कभी तो मिलेगी…. और जब मिलेगी एक साथ कई महीनो की मिलेगी…. इसी उधेड़बुन में “कचौड़िया पत्रकार” चला जा रहा था. सामने से किसी ने बताया कि निकट ही कहीं जमीन के विवाद में दो गुटों में लट्ठ बज रहे है और पत्थरबाजी हो रही है. पत्रकार महोदय अपना कैमरा संभालते हुए दौड़ पड़े. वहां सच में बड़े जोरों से विवाद हो रहा था.
विवाद में शामिल एक व्यक्ति ने सोचा कि दूसरे पक्ष ने किसी फोटोग्राफर को बुला लिया है तो उसने एक लट्ठ दे मारा उस पत्रकार के सिर पर और दूसरा बजा दिया उसके कैमरे पर. पत्रकारजी को जब होश आया तो अस्पताल में थे.
जब हमलावर पक्ष को पता चला कि घायल शख्स पत्रकार है तो उनके हाथ-पांव फूल गए. माफ़ी मांगने के लिए आक्रमणकारी पक्ष अस्पताल पहुंचा. पत्रकार महोदय की शरण में जाकर क्षमायाचना करने लगा. पत्रकारजी ने केवल तीन लाख रुपये में उसे माफ़ कर दिया. ये सोचते हुए कि चलो, सिर खुला तो भाग्य भी खुल गया. इतना तो अपनी पूरी पत्रकारिता की जिंदगी में नहीं कमा पाए.
अब वे गाहे-बगाहे कहते हैं काश एक “विवाद” और हो जाए इसी तरह का…
इस चुटकुला को भेजा है बीकानेर के मधुप वशिष्ट ने. मीडिया की वर्तमान दशा पर अगर आपके पास भी कोई चुटकुला हो तो हमें भेजिए, मेल या एसएमएस के जरिए bhadas4media@gmail.com या फिर 09999330099 पर.
Comments on “भड़ासी चुटकुला (10)”
Kya baat hai madhup ji. to ab pata chala ki wo patrkar koun thaa.
bhai hame to tin lakh ke liye apna sar w cemara nahi tudwana.
jeeto raho kachoriya patrakar ji aakhir aap jaise logo se hi to patrkaro ki HAWA banti hai.
vastave me aj ki patrakarita ki hakikat yahi hai. jise chutkule ke roop me bhataya jata hai. ab sidhe hakikat bayan karne par logon ko accha to lagega nahi. asliyat to hamare yahan bhi yahi hai. jahan 18patrakaro me only 3 ne sabko HIJDA banakar rak diya. fir bhi ham patrakarita karne ka hunar rakhte hain.ap logon ke aashirwad se. 08004192800, 09670452788