खबर है कि दैनिक भास्कर प्रबंधन ने अपने सभी कर्मियों को आईपीओ में पैसा लगाने के लिए कह दिया है। हालांकि ये आदेश नहीं है, और लिखिति में भी नहीं है लेकिन आदेशनुमा तो है ही। इस आदेशनुमा सुझाव में विकल्प रखा गया है कि कर्मचारी अगर ना कह दे तो उस पर दबाव नहीं डाला जाए। पर प्रबंधन की तरफ से आए फैसले को ना कहने की हिम्मत कितने लोग रखते हैं!
सूत्रों के अनुसार ना उन्हीं लोगों ने कहा है जो चार-पांच हजार महीने की पगार पाते हैं और जिन्होंने आईपीओ व शेयर का केवल नाम भर सुना है, इन नामुरादों की शक्ल नहीं देखी, इस्तेमाल तो दूर। भास्कर में ज्यादातर बड़े पदों पर बैठे लोगों ने भास्कर के आईपीओ में पैसा लगाया है। ऐसा नहीं कि यह सिर्फ भास्कर ही कर रहा है। दूसरे मीडिया हाउस व संस्थान भी आईपीओ में पैसा लगाने के लिए अपने कर्मियों को प्रेरित करते हैं। कई संस्थान तो खुद शेयर खरीदकर अपने कर्मियों में बांट देते हैं। ऐसा करके वे अपना बाजार भाव बढ़ाए-बनाए रखने की कोशिश करते हैं।
भड़ास4मीडिया को कई लोगों ने मेल के जरिए भास्कर कर्मियों को आईपीओ में पैसा लगाने के लिए दबाव डाले जाने की बात बताई है। ऐसे ही एक मेल को यहां प्रकाशित कर रहे हैं- Yashwant ji, BHASKAR ke IPO par aapne achchha matter parkashit kiya hai. Ap ek vishes bat aur parkashit kijiye. Had ho gayi hai, BHASKAR apne aise employees ko ipo me paisa lagane ke liye kha rha hai jo mushkil se chand hajar kmate hai. Krmachari marketing dept. ke is prposal par khate hai- Sir hme maf karo. Muskil se char panch hajar kamate hai. Hme kya pata ipo kya. Haryana mei jyadatar krmchario ne mana kar diya hai